लेखक की कलम से

वैलेंटाइन नहीं …….देश प्रेम दिवस …

 

 

आधुनिकता की होड़ में।

 

वैलेंटाइन डे ………नहीं।

 

 

देश प्रेम दिवस मनाएंगे।

 

 

आज के दिन देश की खातिर।

 

जिन शहीदों को हुई फांसी।

 

 

उन्हीं देशभक्त,

 

भगत सिंह-राजगुरु- सुखदेव,

 

की याद में,

 

देश प्रेम दिवस मनाएंगे।

 

 

आधुनिकता की होड़ में ,

 

वैलेंटाइन डे ………नहीं।

 

 

देश प्रेम दिवस मनाएंगे।

 

 

आज के दिन……

 

देश की खातिर।

 

 

पुलवामा में……जो शहीद हुए।

 

उन शहीदों की शहीदी पर।

 

 

नतमस्तक हो जाएंगे।

 

वैलेंटाइन डे …………नहीं।

 

 

देश प्रेम दिवस मनाएंगे।

 

 

मत खोने दो मूल्य प्रेम का।

 

प्रेम को एक दिन में,

 

नहीं समा पाओगे….?

 

 

यह तो अनंत…..

 

हर दिन का आधार है।

 

हम हर दिन को ,

 

मूल्यवान बनाएंगे।

 

 

आधुनिकता की होड़ में ,

 

वैलेंटाइन डे ……….नहीं।

 

देश प्रेम दिवस मनाएंगे।।

 

©प्रीति शर्मा, सोलन हिमाचल प्रदेश

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