राजस्थान

ससुराल वाले कहते थे कि तू काली-अनपढ़ है, एक बेटा छीनकर घर से निकाला, मां 8 महीने बाद मिली अपने जुड़वा बेटे से …

जोधपुर । एक मां को 8 महीने बाद उसके दूसरे जुड़वां बेटे का हक मिला। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। 8 महीने की कानूनी लड़ाई के बाद उसे दूसरा बेटा मिला। इधर, महिला ने बताया कि उसके ससुराल वाले उसे काली और अनपढ़ कहकर अब भी धमकियां देते हैं। मामला जोधपुर का है, जहां मां को बुधवार को अपना बेटा मिला। पहले घरवालों ने समझाइश की। इसके बाद मामला समाज के पंचों तक पहुंचा। उन्होंने भी भरोसा दिलाया कि हम तुम्हारा बेटा दिलवाएंगे। लेकिन, यहां भी बात नहीं बनी तो मां को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

इस मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट ने बताया कि मामला बाड़मेर से जुड़ा था। अफसाना जोधपुर के केरू में रहती है। अगस्त 2020 में उसकी शादी बाड़मेर के सुराब खान के साथ हुई थी। 24 नवंबर 2021 को जुड़वां बेटे अयान और रेहान हुए थे।

1 मार्च 2022 को जब ससुराल गई तो दहेज और अन्य पारिवारिक विवाद को लेकर ससुराल वालों ने परेशान करना शुरू कर दिया। 6 मार्च 2022 को पति सुराब खान ने एक बच्चा अयान को देकर घर से बाहर निकाल दिया। जबकि रेहान उन्हीं के पास था। इसके बाद केरू अपने गांव मां-बाप के पास चली आई। परिवार और समाज के दबाव के बाद भी बच्चा नहीं मिला तो मई 2022 में उसने कोर्ट की शरण ली और अपने बच्चे का हक मांगा।

एडवोकेट ने बताया कि इसके बाद जोधपुर एसडीएम के सामने याचिका पेश की गई। इसमें लिखा गया- मां प्राकृतिक संरक्षक है और बच्चे पर इसका पहला अधिकार है। उसे जबरन उसके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता है। इस पर दो दिन पहले सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि- बच्चे को अवैध तरीके से डिटेन कर रखा है। मां से अच्छी परवरिश बच्चे की कोई नहीं कर सकता। ऐसे में बच्चा मां को सुपुर्द किया जाए।

एडवोकेट ने बताया कि मामला बाड़मेर होने की वजह से ऑर्डर एसपी को ट्रांसफर किया गया। इसके बाद बुधवार को अफसाना का दूसरा बेटा 8 महीने बाद मिला।

अफसाना ने बताया कि अब वह खुश है कि दोनों बच्चे उसी के पास हैं। दोनों बच्चों को अपने स्तर पर पालेगी और बड़ा करेगी। अफसाना ने बताया कि ससुराल वाले उसे काफी परेशान करते थे। उसके साथ मारपीट करते और गाली गलौज करते। वे उसे अपने साथ नहीं ले जाएंगे, क्योंकि ताने देते थे कि तू काली और अनपढ़ है। घर से निकालने के बाद भी कई बार धमकियां दीं।

Back to top button