लेखक की कलम से

लो आ गई होली …

 

लो आ गई रंगों से सरोबार ये होली

रंगों से सजा लो फिर जीवन की रंगोली

हर रंग है अलग और पहचान अनोखी

हर रंग की खुशियों से भरती रहे झोली।

 

रंग लाल सिखाता है जोश मन में हो सदा

संकल्पो और दृढ़ साहस से तू कदम बढा

रंग लाल है जीवन और जीने का है आधार

रंग के गुलाल लाल खेलो शान से होली।

 

रंगत गुलाब सी है ये है प्यार का सरताज

दुनिया में इसी रंग से है प्यार का एहसास

बनता ही आ रहा है अब यह नारी की पहचान

रंग के गुलाबी गाल खेलो प्यार की होली।

 

रंगों से खत्म कर लो सभी मन में जो तकरार

पिचकारी से फेको प्रेम शांति की फुहार

पीला हरा बैंगनी रंगों के साथ फिर

गुझियों की हो मिठास दोस्तों की हो टोली

 

बढ़कर है एक से एक रंग, रंग सभी रंग

मुझको जो भा रहा है तेरी प्रीति का वो रंग

है रंग अलग प्यार का और भाव से परिपूर्ण

रंग ले तू अपनी प्रीति संग ओ मेरे हमजोली।

 

लो आ गयी रंगो से सरोबर ये होली

रंगो से सजा लो फिर जीवन की रंगोली।

 

©मोहिनी गुप्ता, हैदराबाद, तेलंगाना

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