राजस्थान

राज्यपाल का अभिभाषण : पिछली सरकार की नीतियों और वित्तीय प्रबंधन की आलोचना

जयपुर.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार से शुरू हुई 16वीं विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए अभिभाषण को पढ़ा। इसमें पिछली सरकार की नीतियों और वित्तीय प्रबंधन की आलोचना की गई। साथ ही लगभग सभी बड़ी योजनाओं को भी समीक्षा के दायरे में लाने की बात कही गई है।
राज्यपाल के अभिभाषण के बिंदू —-
0- नकल माफियाओं के खिलाफ केस ऑफिसर स्कीम के तहत मुकदमे चलाएगी सरकार। प्रदेश में न तो अब नौकरी लूट होगी और न ही पेपर लीक होगा।
0- कानून का शासन सुनिश्चित करने में यह सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। 10 हजार अपराधिकयों के विरूद्ध कानून सम्मत कार्रवाई अब तक की गई है।
0- पिछली सरकार ने बाड़मेर रिफाइनरी प्रोजेक्ट को अटकाया, जिससे परियोजना की लागत 37 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 75 हजार करोड़ रुपये के पार कर गई है। नई सरकार इस नए सिरे से समीक्षा कर 72 हजार करोड़ का निवेश कर बाड़मेर रिफाइनरी के निर्माण में तेजी लाएगी।

डीओआईटी में भ्रष्टाचार- एसीबी जांच के प्रकरण लंबित रखे गए
जनजीवन मिशन, सूचना एवं प्रोद्योगी विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। सूचना एवं प्रोद्योगी विभाग में भारी मात्रा में सोना एवं नकदी बरामद हुए। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बजाय राज्य सरकार ने सीबीआई की जांच पर ही अंकुश लगाने जैसे निर्णय लिए। राज्य सरकार ने एसीबी की जांच में सजा योग्य पाए गए प्रकरणों में पूर्व सरकार ने अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर मजबूत प्रहार करने के लिए सीबीआई को अनुसंधान की अनुमति बहाल कर दी है।

जलजीवन मिशन की जांच होगी
केंद्र सरकार द्वारा जलजीवन मिशन योजना में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों व भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश की जनता को इसका लाभ नहीं मिला। राजस्थान इस योजना की रैंकिंग में देश में सबसे नीचे चला गया है। सरकार इन घोटालों की जांच करवाएगी।

महात्मा गांधी स्कूलों की समीक्षा
महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को मात्र साइन बोर्ड बदल कर खेाल दिया गया। लेकिन विद्यालयों में न तो शिक्षकों को लगाया न ही  आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए गए। सरकार इन विद्यालयों की समीक्षा करते हुए विद्यार्थी हित सर्वोपरी रखते हुए फैसले लेगी। बिना कार्ययोजना के लिए विद्यालय, महाविद्यालय खोलने की घोषणा कर दी गई। इनमें से अधिकांश या तो कागजों पर या  निजी बल्डिंगों में संचालित होते रहे।

राइट टू हेल्थ और चिरंजीवी की भी समीक्षा  
चिकित्सकों और निजी अस्पतालों को विश्वास में लेकर राइट टू हेल्थ लाने का काम करेगी। चिरंजीवी योजना की समीक्षा कर केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को आगे बढ़ाएगी। हमारी सरकार प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर 2 मेडी सिटी स्थापित करेगी। भारत सरकार के हील इंन इंडिया की तर्ज पर हील इन राजस्थान कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज पर सरकार प्रतिबद्ध है।

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