मध्य प्रदेश

आईएसटीडी का स्थापना दिवस: कौशल विकास में ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के प्रशिक्षण की भूमिका महत्वपूर्ण: एपी सिंह

भोपाल
इण्डियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट(आईएसटीडी) के भोपाल चैप्टर द्वारा संस्था के 55वे स्थापना दिवस मनाने के कार्यक्रम में प्रमुख सचिव विधान सभा श्री ए पी सिंह ने पदाधिकारियों तथा उपस्थित बुद्धजीवियों को  शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर की इस प्रशिक्षण संस्था का गठन अप्रैल 1970 में हुआ था,जो देश के युवाओं, महिलाओं व विभिन्न उद्योग संस्थानों के कर्मियों को प्रशिक्षण देकर न केवल उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ाती है बल्कि इसके माध्यम से आईएसटीडी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

भोपाल चैप्टर के द्वारा स्थापना दिवस के अवसर पर  होटल अशोक लेक व्यू  में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर के  के शुक्ला निर्देशक मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) तथा विशिष्ट  अतिथि श्री ए पी सिंह  प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश विधानसभा थे।इस अवसर पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस विषय पर आयोजित  निबंध प्रतियोगिता  में विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में भोपाल स्थित पांच शैक्षणिक संस्थान  सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी , रवींद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी,  आई ई एस यूनिवर्सिटी,ओरिएंटल कॉलेज और राधा रमन कॉलेज  छात्रों ने भाग लिया था। आर जी द्विवेदी अध्यक्ष आइएसटीडी भोपाल ने कार्यक्रम के उद्देश्य और भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला ।

उन्होंने बताया कि संस्था के उद्देश्य के अनुसार छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर नए-नए विषयों पर  प्रशिक्षण दिया जाता है।विशिष्ट अतिथि ए पी सिंह जी ने आइएसटीडी के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में शिक्षण में आने वाले परिवर्तन की ओर ध्यान आकृष्ट किया ।मुख्य अतिथि प्रोफेसर के  के शुक्ला निर्देशक मैनिट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा भविष्य होने वाली होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने  के साथ प्रशिक्षण की महत्व पर भी विस्तार से बताया। डॉक्टर संजय पयासी सचिव ने आईएसटीडी के द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों  की  प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी ।संस्था के उपाध्यक्ष श्री सुनील जोशी ने  आभार प्रदर्शन किया कार्यक्रम का संचालन आर्किटेक्ट इंजीनियर  अजंता दुवे ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न  शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र, प्राध्यापक  तथा आइएसटीडी के  सदस्य उपस्थित थे।

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