छत्तीसगढ़

जलाशय टूटने से बाढ़ जैसे हालात, कई गांव टापू में तब्दील, प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर…

खैरागढ़/बेमेतरा। प्रदेशभर में लगातार तीन दिनों की बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. खैरागढ़ जिले के आखिरी छोर दूरस्थ वनांचल ग्राम साल्हेवारा में भी अब तक सौ मिली से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की है. वहीं बेमेतरा जिले में भी बारिश के कारण नदी- नाले उफान पर हैं. नदी और नालों के किनारे बसे गांव में पानी घुस गया है. जिससे कई गांव टापू में तब्दील हो गई है.लगातार बारिश से जलाशय का एक हिस्सा टूटने से गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए. बाढ़ की खबर लगते ही कलेक्टर जायजा लेने मौके पर पहुंचे. बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है.

खैरागढ़ में लगातार बारिश के चलते शुक्रवार को साल्हेवारा गांव के जलाशय का एक हिस्सा टूट गया. जिससे निचली बस्ती में बाढ़ जैसे हालात हो गये और गांव के कच्चे मकान गिर गए. वहीं गांव में बाढ़ की खबर पता चलते ही प्रशासन अलर्ट हुआ और कलेक्टर गोपाल वर्मा शाम को दल बल के साथ साल्हेवारा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने बाढ़ का जायजा लिया और प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित कैम्प में पहुंचाया.

अच्छी बात ये रही बांध टूटने से जो बाढ़ जैसे हालत बने उससे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई. लेकिन ग्रामीणों का जो नुकसान हुआ उसके लिए आज प्रशासन ने जायजा लेगा. फिलहाल अब इलाके में बारिश थम गई है और धीरे धीरे जन जीवन फिर से सामान्य हो रहा है.

बेमेतरा जिले में बीते दो दिन से लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर है. जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं शिवनाथ, सुरही, हाफ नदी और नालों के किनारे बसे गांव में पानी घुस गया है और कई घरों में पानी भर गया है. जिससे कई गांव टापू में तब्दील हो गई है.

एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है और लगातार मुस्तैदी के साथ बाढ़ प्रभावित इलाके में सुरक्षा कर्मी तैनात है. साथ ही ज्यादा प्रभावित गांव में रेस्क्यू टीम पहुंचकर प्रभावितों कको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाई है.

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