नई दिल्लीदुनियादेश

‘नए संसद में ‘राजदंड’ के साथ ‘धर्म दंड’ भी हुआ स्थापित’, बौद्ध सहित हिन्दू व अन्य रीति-रिवाजों के अनुसार हुई पूजा…

नई दिल्ली । देश के नए संसद भवन का आज प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया। पीएम के उद्घाटन करने के बाद संसद परिसर में सर्व-धर्म प्रार्थना भी हुई, इसमें नेताओं ने विभिन्न भाषाओं में प्रार्थना की। नेताओं ने इस  उद्घाटन के अवसर को ‘ऐतिहासिक क्षण’ के रूप में वर्णित किया।

‘सर्व धर्म प्रार्थना’ करने वाले धार्मिक नेताओं ने आगे कहा कि इस अवसर ने भारत के लोकाचार को प्रतिबिंबित किया। उन्होंने कहा कि यह समारोह अनेकता में एकता का प्रतीक रहा।

हिमालया बुद्धिस्ट कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष लामा चोस्फेल जोतपा ने कहा कि सभी को एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए और राजनीति को किनारे रखना चाहिए।

लामा चोस्फेल जोत्पा ने कहा, “नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया गया। मैंने बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा की। सभी को एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए और राजनीति को अलग रखना चाहिए।”

वहीं, प्रार्थना में भाग लेने वाले यहूदी रब्बी ईजेकील इसहाक मालेकर ने कहा आज हमने विविधता में एकता का संदेश दिया है।

उद्घाटन के अवसर पर बहु-विश्वास प्रार्थना में शामिल जसबीर कौर ने कहा कि संसद भवन परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता है। जसबीर कौर ने कहा कि नया संसद भवन बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है और यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। हर भारतीय को एकजुट रहना चाहिए।

वहीं, जैन पुजारी लोकेश मुनि ने कहा कि हमने एक ऐतिहासिक क्षण देखा जब आज नई संसद में राजदंड के साथ ‘धर्म दंड’ स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों को तरजीह देना अच्छी बात है।

सिख गुरु बलबीर सिंह ने कहा कि देश के विकास के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि नई संसद का निर्माण किया गया है। मैं खुद को राजनीति से दूर रखता हूं, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि देश के विकास के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए।”

Back to top button