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कोर्ट ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड में होने वाले फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने की अनुमति दी

रांची
जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी गई है. उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी है. दरअसल, जेएमएम के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को नए सीएम के तौर पर शपथ ले ली. उनके अलावा कांग्रेस के आलमगीर आलम और आरेजडी के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. अब शपथ ग्रहण के बाद 5 फरवरी को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा. शपथ ग्रहण से पहले चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के समर्थन वाला एक वीडियो भी जारी किया था.

चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के 38 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया गया है. विधायकों को भले ही टूट-फूट की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस शासित राज्य भेजा गया हो लेकिन सीएम चंपई सोरेन ने यह दावा किया है कि वह फ्लोर टेस्ट में सफल होंगे. उन्होंने साथ ही हमलावर अंदाज में कहा कि हेमंत सोरेन राज्य के विकास के लिए परियोजनाएं लेकर आए, जिससे हताश होकर ही विपक्ष ने झूठे आरोप में उन्हें फंसाया है. बता दें कि मौजूदा सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है.

नौ समन के बाद हेमंत सोरेन को किया गया था अरेस्ट
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को कई घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. उन्हें ईडी ने 9 बार समन भेजा था जिसमें आखिर के दो समन में वह ईडी की पूछताछ में शामिल होने के लिए राजी हुए थे. हालांकि गिरफ्तारी से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और चंपई सोरेन को नया सीएम चुना गया था. चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे. हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि मामले में पहले हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए.

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