
रायपुर। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने बताया कि सीएसआईडीसी के द्वारा उद्योगों से मेंटेनेस चार्ज के साथ ही नगर निगम के द्वारा संपत्ति कर की मांग दोहरा करारोपण के समान है. पिछले एक दशक से उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इस दोहरे करारोपण को हटाये जाने की मांग करता आ रहा है, जिसका समर्थन प्रदेश के सभी औद्योगिक संगठनों ने किया है.
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्रांति की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगों को संपत्ति कर के भार से पूर्ण मुक्त कर दिया है. उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इस फैसला स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ संपूर्ण मंत्रिमंडल के प्रति आभार व्यक्त किया है.
उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने शासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समय-समय पर बैठक कर संपत्ति कर हटाये जाने सार्थक चर्चा एवं अनुरोध करता रहा है. मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास को गति देने के लिए तत्काल निराकरण का आश्वासन देते हुए पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक घोषणा की और अब मंत्रिपरिषद की बैठक में सर्वसम्मति प्रदान कर एसोसिएशन की बहुप्रतिक्षीत मांग को पूरा किया है.
एसोसिएशन के अश्विन गर्ग ने फैसले का पुरजोर तरीके से स्वागत करते हुए कहा कि देश के परिपेक्ष्य में यह फैसला ऐतिहासिक एवं अनुकरणीय है. इससे सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों में नई उर्जा का संचार होगा. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, शिवकुमार डहरिया, विधायक सत्यनारायण शर्मा का भी हृदय से आभार व्यक्त किया.