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राम मंदिर का न्योता भीमराव आंबेडकर के पोते ने किया खारिज

नई दिल्ली.

विपक्ष के कई नेताओं की तरह वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने भी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इनकार किया है। उन्होंने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्योते को खारिज करते हुए इसे चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा आयोजन बता दिया है। उन्होंने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के नाम लिखे पत्र में कहा, 'इस समारोह में मैं शामिल नहीं होऊंगा। मेरे शामिल न होने का कारण यह है कि भाजपा और आरएसएस ने इसे हथिया लिया है।

एक धार्मिक समारोह चुनावी फायदे के लिए राजनीतिक अभियान बन चुका है।' इसके आगे उन्होंने अपने दादा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की बात का जिक्र करते हुए कहा है कि उन्होंने पहले ही चेताया था कि यदि किसी धर्म और पंथ को देश से ऊपर रखा गया तो हम आजादी खो देंगे। उन्होंने लिखा, 'मेरे दादा ने चेताया था कि अगर राजनीतिक पार्टियां धर्म और पंथ को देश से ऊपर रखेंगी तो हमारी आजादी दूसरी बार खतरे में आ जाएगी और इस बार शायद हम उसे हमेशा के लिए खो देंगे।' प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि आज यह डर सही साबित हो गया है। धर्म, पंथ को देश से ऊपर रखने वाली भाजपा-आरएसएस अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस समारोह को हड़प चुकी है।

प्रकाश आंबेडकर के अलावा एनसीपी के नेता शरद पवार भी राम मंदिर के न्योते से इनकार कर चुके हैं। यही नहीं उनके अलावा कांग्रेस भी न्योते को खारिज कर चुकी है। बता दें कि प्रकाश आंबेडकर महाराष्ट्र की अकोला सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वह INDIA अलायंस के साथ गठबंधन में उतर सकते हैं। हालांकि उन्हें NDA की ओर से भी रामदास आठवले ने साथ आने का न्योता दिया है। यही नहीं पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि यदि वह हमारे साथ आएं तो मैं अपना केंद्रीय मंत्री पद उन्हें देने को तैयार हूं। इसके लिए वह अकोला लोकसभा सीट से भी उतर सकते हैं, हम एनडीए की ओर से उन्हें यह सीट दे देंगे।

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