मध्य प्रदेश

नकली बीज के गोरखधंधे से किसानों को बचाने के लिए कृषि विभाग सक्रिय

 

भोपाल

प्रदेश के अशोकनगर जिले में नकली बीज बेचने का मामला उजागर होने के बाद कृषि विभाग किसानों को लेकर सक्रिय हो गया है। अशोकनगर जिले में गजेन्द्र राजपूत और विमलेश राजपूत वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2023 तक खुलेआम नकली बीज का कारोबार कर रहे थे। कृषि विभाग से संबंधित बीज प्रमाणीकरण शाखा ने अपनी जांच में पाया की दोनों कारोबारी कूटरचित दस्तावेज बनाकर 5 साल  के अंदर 33 हजार क्विंटल नकली बीज किसानों को बेच दिए। इससे सबसे ज्यादा नुकसान कृषि विभाग और किसानों को हुआ।

बीज प्रमाणीकरण शाखा के एमडी केएस टेकाम ने बताया कि नकली बीज से किसानों को बचाने के लिए विभाग ने बीज बेचने के लिए ऑफलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया पर विराम लगा दिया है। उन्होंने बताया कि लाइसेंस के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन को ही विभाग स्वीकार करेगा। आवेदन के बाद विभाग की टीम मौके पर जाकर जांच भी करेगी बीज बेचने के लिए जो लाइसेंसधारक है वह कितनी मात्रा में बीज उत्पादन कर सकता है। जांच के बाद ही विभाग लाइसेंस बनाने को लेकर कोई अंतिम निर्णय लेगा। विभाग बीज बेचने का लाइसेंस उसी व्यक्ति को देता है जो बीज उत्पादन करता हो। अशोकनगर में नकली बीज बेचने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दिया गया है।  विभाग दोनों आरोपियों से जुर्माना राशि भी वसूलने की तैयारी शुरू कर दिया है। केएस टेकाम ने बताया कि जांच में अगर बीज प्रमाणीकरण शाखा के अधिकारियों की अगर मिलीभगत होगी तो विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेगा।

किसान मोर्चा ने कठोर दंड  के लिए लगाई गुहार
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दशरथ सिंह चौधरी ने कहा कि प्रदेश में नकली बीज और नकली उर्वरक बेचना दोनों दंडनीय अपराध है। इस मामले में जुर्माना के अलावा विभाग को दोनों आरोपियों को कठोर दंड दिलाने के लिए प्रयास करना चाहिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए मोर्चा की एक टीम जल्द ही अशोकनगर जिले में जाकर जांच करेगी। जांच के बाद सरकार से दोनों आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करेगी। उन्होंने बताया कि अगर प्रदेश में इस तरह से अगर किसानों के साथ ठगी हो रही है तो मोर्चा शांत नहीं बैठेगा। दशरथ चौधरी ने बताया कि बारिश और ओले से फसल का जो नुकसान हुआ है उसकों लेकर मोर्चा सीएम मोहन यादव से मिलकर किसानों के हित को लेकर चर्चा करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के दु:ख और सुख में हमेशा खड़ी रहती है।

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