राजस्थान

टीवी पर विज्ञापन देखकर आया पत्नी के मर्डर का आइडिया: जेवर गिरवी रखकर दी सुपारी …

जयपुर । बीमा में 12 वर्ष तक 29,406 रुपए की किश्त जमा करवानी थी। इसकी एक किश्त महेश जमा करा चुका था, जिसका 40 साल का मैच्योरिटी टाइम था। शर्तों के मुताबिक बीमा में 40 साल में यदि बीमित व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके नोमिनी को 1 करोड़ एवं दुर्घटना में मृत्यु होने पर 1.90 रुपए लाख रुपए मिलते।

बीमा के 1.90 करोड़ रुपए के लिए एक पति ने अपनी ही पत्नी का मर्डर करवा दिया। हत्या को एक्सीडेंट का रूप दिया। इसमें महिला के भाई की भी मौत हो गई थी। वारदात के दिन दोनों बाइक पर जा रहे थे। पुलिस ने जांच की तो साजिश की कहानी सामने आई। दरअसल, पति ने ही हिस्ट्रीशीटर समेत उसके 4 साथियों को मर्डर की सुपारी देकर अपनी पत्नी को मरवाया था।

इसके लिए पत्नी के जेवरात गिरवी रख बदमाशों को एडवांस में 5 लाख रुपए भी दिए थे। इधर, ये भी सामने आया कि बेटी होने के बाद से दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ते गए। महेश ने टीवी पर इंश्योरेंस का एड देखा तो इस मर्डर की प्लानिंग का आइडिया आया।

पुलिस पूछताछ में आरोपी महेश(38) ने बताया कि किशनपोल बाजार स्थित गोल्ड लोन बैंक में जाकर पत्नी शालू(36) के जेवरातों को बैंक में रखा। बैंक ने जेवरातों के एवज में 2 लाख रुपए महेश को दिए थे। इसके बाद महेश ने खुद के सेविंग अकाउंट और रिश्तेदारों से साढ़े 3 लाख रुपए उधार लिए।

पैसे का इंतजाम होने पर महेश ने हिस्ट्रीशीटर मुकेश सिंह राठौड़ को साढ़े 5 लाख रुपए तय सुपारी के एडवांस के रूप में दिए। बाकी साढ़े 4 लाख रुपए काम होने के बाद देने का वादा किया।

पूछताछ में महेश ने बताया कि टीवी पर आने वाले इंश्योरेंस का विज्ञापन देखने के बाद ये आइडिया आया था। इसके बाद टोल फ्री नंबर पर फोन कर क्लेम की पूरी जानकारी जुटाई थी। यहां उसे पता चला कि एक करोड़ का इंश्योरेंस सामान्य मौत पर मिल रहा है।

अगर मौत दुर्घटना से होगी तो एक करोड़ 90 लाख रुपए मिलेगा। पैसों के लालच में फंस कर उसने पत्नी की सुपारी हिस्ट्रीशीटर को दे दी। महेश ने बताया कि पत्नी की हत्या की प्लानिंग उसी की थी। उसी ने बदमाशों को बताया था कि कितने बजे शालू मंदिर के पहुंचती है और कब वह मंदिर से निकलती है। महेश चाहता था कि जल्द से जल्द उसकी हत्या कर दी जाए ताकि इंश्योरेंस का पैसा मिल सके।

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