लेखक की कलम से
मिट्टी से सड़क तक …
दरवाजे पर
सावन आया
द्रुम शिखर पर
बूंद नचाया
मन का तार
यूं झनझनाया
झूम हवा संग
सावन आया
यादों उनकी
मन तड़पाया
छनन छनन छन
सावन छाया!
©लता प्रासर, पटना, बिहार
दरवाजे पर
सावन आया
द्रुम शिखर पर
बूंद नचाया
मन का तार
यूं झनझनाया
झूम हवा संग
सावन आया
यादों उनकी
मन तड़पाया
छनन छनन छन
सावन छाया!
©लता प्रासर, पटना, बिहार