लेखक की कलम से

शत शत प्रणाम…

संघर्षों के पथ पर,चलकर जो हुए कुर्बान!

ऐसे रत्न सपूतों को,शत-शत प्रणाम!

 

न्योछावर कर प्राण,बढ़ाया देश का मान!

ऐसे रत्न सपूतों को,शत-शत प्रणाम!

 

सर्वस्व स्वाहा कर गए ये ऐलान,

ईट का जवाब पत्थर से दो,तभी बढ़ेगा शान!

 

राष्ट्रहित है सर्वोपरि काम,”मैं””तुम” से बढ़कर!

श्रेष्ठ है भारत देश महान,दे गए ये पैगाम!

 

ऐसे रत्न सपूतों को,शत-शत प्रणाम!

ऐसी रत्न सपूतों को,शत-शत प्रणाम!

 

©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता                           

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