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देशभर के युवाओं ने चंबल घाटी में मनाया भाईजी दिवस, कोने कोने से आईं मिट्टी से बनी भाईजी की समाधि …

मध्य प्रदेश के जौरा मुरैना में विख्यात गांधीवादी स्व. डा. एस एन सुब्बराव जिनको प्यार से भाईजी कहते हैं, उनकी समाधि स्थल पर आज उनके जन्म दिवस के अवसर पर भाईजी दिवस के रूप में मनाते हुए 28 राज्यों से आए हुए युवा भाई बहनों ने श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया, चंबल घाटी के जौरा स्थित महात्मा गांधी सेवा आश्रम में इस अवसर पर भाईजी स्मृति समारोह का आयोजन किया गया, देशभर के युवाओं के द्वारा अपने अपने जगह से लाए हुए मिट्टी को समाधि स्थल पर समर्पित किया गया। इसके बाद देशभर से लाए हुए पौधों का भी वृक्षारोपण किया गया।

भाईजी समृति समारोह 7 फरवरी को उनके 94 वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित हुया जिसमें आज का दिन भविष्य में भी भाईजी दिवस के रुप में याद किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्वसेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधीवादी चंदनपालजी ने की। इस अवसर पर महात्मा गांधी सेवा आश्रम के अध्यक्ष एवं सर्वोदय समाज के संयोजक राजगोंपाल पी. व्ही., राष्ट्रीय युवा योजना के न्यासी के. सुकुमारनजी, मधुसूदनजी, महेन्द्र नागरजी, सर्व सेवा संघ के अशोक शरणजी, प्रभारी विनय गुप्ताजी, प्यारी बहिन, इति बहिन आदि उपस्थित थे।

महात्मा गांधी सेवा आश्रम के सचिव डा. रनसिंह परमारजी ने भाईजी को नमन करते हुये कहा कि देशभर से जो लोग भाईजी के जन्म दिवस पर गांधी आश्रम जौरा में पधारें हैं उनको भी नमन है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि जो लोग यहां आये हैं वे आज यहां से भाईजी के आदर्शों और उनके विचारों को देशभर में लेकर जायेगें और कार्य को अंजाम तक पहुंचाएंगे। भाईजी का व्यक्तित्व बहुआयामी रहा, भाईजी ने अपना जीवन लोगों के बीच में ही जिया, उन्होंने अपने लिये कोई घर नही बनवाया, दो थैले ही लेकर हमेशा चलते रहे,किसी के भी घर पर रुक जाते थे, यही कारण था कि समाज का हर व्यक्ति उन्हे अपने नजदीक मानता रहा है।

इसी अवसर पर पर गांधीवादी पी.व्ही. राजगोपालजी ने अपने संदेश में कहा कि आज हम सब भाईजी के शांति और सेवा कार्यों से प्रेरणा लेकर समाज में दूरियों को पाटने का काम कर सकते हैं। हमें विश्वास है कि सभी अच्छे लोग हैं, निश्चित ही दूरियों को खत्म कर देश में शांति, सदभाव और भाईचारे का माहौल निर्मित करते रहेगें ताकि भाईजी के सपनों को साकार कर सके। उन्होंने कहा कि भाईजी के विशेष शांति प्रयासों के फलस्वरुप बागियों के आत्म सर्मपण के बाद गांधी आश्रम से दो संघठनों का उदय हुआ। राष्ट्रीय युवा योजना और एकता परिषद। इन दोनो का काम शांति और राष्ट्र निर्माण के लिये हुआ है।

उन्होंने कहा कि आगामी अप्रेल माह में बागी समर्पण की 50 वी वर्षगांठ पर 14 से 16 अप्रेल तक 3 दिवसीय सर्वोदय समाज समागम का आयोजन महात्मा गांधी सेवा आश्रम में होगा। अहिंसा का संदेश देने के लिये जौरा म.प्र., बटेष्वर उत्तर प्रदेश और तालाब शाही राजस्थान बागी समर्पण स्थलों से 3 यात्रायें शांति और अहिंसा का संदेश देने के लिये चलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि आज देश के लोगों को प्रेरणा देने के लिये पीस टूरिज्म की तैयारी करना जरुरी है। और तीसरा अभियान गांधी और गरीब, अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिये चलाया जायेगा। ,

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चंदनपालजी ने भाईजी के प्रेरणास्पद कार्यों और भाईजी के व्यक्तित्व पर सभी कार्यर्ताओं को संकल्प लेकर कार्य करने को कहा और जय जगत के विचार को देशभर में ले जाने का आव्हान किया। इसके अलावा मंचासीन अतिथियों ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया । भाईजी दिवस पर एच.एल. हाई स्कूल जौरा एवं मॉ शरदा स्कूल जौरा के बच्चों ने रैली कर भाईजी को श्रदांजली देते हुये स्मरण किया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता गांधी भवन भोपाल के सचिव दयाराम नामदेवजी ने की। कार्यक्रम का संचालन विनय भाई ने किया।

6 से 8 फरवरी 2022 देशभर के 28 राज्यों में आंध्र प्रदेश, आसाम, अंडमान निकोबार, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, उड़ीसा, पंजाब, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल आदि के 500 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए। कार्यक्रम में एकता परिशद के राश्ट्रीय महासचिव रमेष षर्माजी, अनीष भाई, निर्भय सिंह, संतोष सिंह,राकेष दिक्षित, उदयभान सिंह डोगर षर्मा, षीतल, प्रफुल्ल भाई, रबीन्द्र सकसैना, दिनेष सिकरवार, दीपक अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

 

©हेमलता म्हस्के, पुणे, महाराष्ट्र                                   

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