कोरबा

बंद है रेत खदान, कोविड-19 का स्टीकर लगा की जा रही रेत-मिट्टी की अवैध तस्करी

कोरबा (गेंदलाल शुक्ल) । कोविड-19 महामारी के बीच जारी लॉक डाउन अपराधी तत्वों के लिए वरदान साबित हो रहा है। ऐसे तत्व मौके का फायदा उठाकर और कानून के रखवालों को अंगूठा दिखाते हुए रेत और मिट्टी के अवैध उत्खनन और तस्करी में जुटे हुए है। हालांकि इनके खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही अब तक नहीं हुई है, लेकिन तस्करी के प्रमाण शहर के कोने-कोने में बिखरे नजर आ रहे हैं।

तस्करी में उपयोग हो रहे वाहन पर चस्पा सूचना पत्रक.

नगर निगम क्षेत्र में रेत की सभी खदानें विगत माह से बंद है। इसका फायदा तस्कर उठा रहे हैं। बड़ी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन कर निजी और सरकारी निर्माण कार्यों में ऊंचे मूल्य पर सप्लाई की जा रही है। खनिज विभाग और हर- चौक चौराहे में तैनात पुलिस विभाग की सतर्कता पर प्रश्र चिन्ह लग रहा है। रेत की तरह ही एसईसीएल के इमली डुग्गू डम्पिंग एरिया से मिट्टी की चोरी और आपूर्ति का सिलसिला लगातार जारी है।

शहरी क्षेत्र में आवंटित रेत खदानों की पर्यावरणीय स्वीकृति की अवधि समाप्त हो चुकी है। नियमानुसार रेत खदानों से रेत नहीं निकाला जा सकता। लेकिन रात के अंधेरे में बड़ी मात्रा में रेत की निकासी और तस्करी लगातार हो रही है। बुधवार को सीतामणी रेत घाट के बेरियर में ताला लटका था लेकिन मालवाहक ऑटो के जरिये खदान से रेत निकाला जा रहा था। रेत खदान में आने-जाने का एक ही रास्ता है। लिहाजा स्वाभाविक रूप से शक पैदा होता है कि बेरियर का ताला खोलकर वाहनों को आने-जाने की सुविधा दी जा रही है।

इससे दो दिन पहले कोतवाली पुलिस ने रेत परिवहन कर रहे दो डम्फर को रात के वक्त पकड़ कर सीएसईबी चौकी में खड़ा किया था। खास बात यह है कि डम्फर में एक स्टीकर चिपका हुआ था, जिसमें लिखा गया था- कोविड-19, नगर पालिक निगम कोरबा, तत्काल कार्य हेतु। स्टीकर को पढ़कर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे डम्फर नगर निगम कोरबा के स्वामित्व की हैं अथवा अनुबंधित हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार ये डम्फर कथित रूप से रेत की तस्करी कर रहे थे। पुलिस ने दोनों डम्फर को जब्त कर आगे की कार्यवाही के लिए खनिज विभाग को सौंप दिया है। डिप्टी डायरेक्टर मायनिंग एसएस नाग ने बताया कि उक्त मामले में खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।

इसी कड़ी में अनेकों डम्फर और ट्रैक्टर बड़ी मात्रा में प्रतिदिन मिट्टी का अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एसईसीएल की इमलीडुग्गू डम्पिंग से प्रतिदिन सैकड़ों डम्फर और ट्रैक्टर मिट्टी की चोरी और बिक्री की जा रही है। एसईसीएल प्रबंधन मिट्टी की चोरी और अवैध परिवहन पर रोक थाम का क कोई प्रयास नहीं करता। इधर पूरे शहर को नापते हुए एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़ रहे डम्फर और ट्रैक्टर पर यातायात पुलिस भी कोई कार्यवाहीं नहीं करती। हालांकि दिन के वक्त फिलहाल बहुत कम वाहन चलते हैं। लेकिन रात में ऐसे वाहनों का तांता लगा रहता है। चोरी की इस मिट्टी की सप्लाई निजी के अलावे शासकीय कार्यों के लिए भी किया जाता है।

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