नई दिल्ली

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर हमले का असर? स्टार प्रचारकों की सुरक्षा अब होगी और चाक-चौबंद …

नई दिल्ली। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की कार पर कथित तौर पर गोलियां चलाए जाने की घटना के कुछ दिन बाद चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को चुनावी अवधि के दौरान अपने राज्यों के भीतर राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। बता दें कि राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को 5 फरवरी को लिखे गए एक पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि यह उसके संज्ञान में लाया गया है कि पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए चल रहे चुनावों में स्टार प्रचारकों को सुरक्षा मुद्दों का सामना करना पड़ा है।

चुनाव आयोग ने जोर देकर कहा कि स्टार प्रचारक चुनाव प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। आयोग ने कहा कि उसने मामले का संज्ञान लिया है और फैसला किया है कि राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त स्टार प्रचारकों को चुनाव के दौरान राज्य के भीतर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। हालांकि पत्र में किसी विशेष मामले का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे बीते गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ में ओवैसी के वाहन पर हुए हमले से जोड़कर देखा जा रहा है। ओवैसी के वाहन पर उस समय गोलियां चलाई गईं, जब वह विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर दिल्ली लौट रहे थे।

चुनाव आयोग के पत्र में कहा गया है कि संबंधित राजनीतिक दल मुख्य चुनाव अधिकारी और संबंधित जिला चुनाव अधिकारी को अपने स्टार प्रचारकों को आवश्यक सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए एक यात्रा योजना, मार्ग चार्ट और कोई अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे। पत्र में कहा गया है कि स्टार प्रचारकों की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी राज्य स्तर पर एक नोडल अधिकारी और जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी द्वारा की जाएगी, जिसे संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। पत्र की एक कॉपी सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य दलों के नेताओं को भी भेजी गई है।

निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए किए जाने वाले रोडशो, पद यात्राओं, साइकिल एवं वाहन रैलियों पर लगाए गए प्रतिबंध की अवधि रविवार को बढ़ा दी, लेकिन राजनीतिक सभाओं संबंधी नियमों में ढील दे दी।

आयोग ने एक बयान में कहा कि खुले में सभाओं, बंद भवनों में सभाओं तथा रैलियों के संबंध में प्रतिबंधों में और ढील दी गई है, लेकिन बंद सभागारों की 50 प्रतिशत क्षमता और खुले मैदान की 30 प्रतिशत क्षमता के बराबर लोग ही इनमें शामिल हो सकेंगे।

इसके अलावा, घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए अधिकतम 20 लोगों की सीमा पहले की तरह ही लागू रहेगी। प्रचार पर रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक प्रतिबंध लागू रहेगा। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में 10 फरवरी से 7 मार्च तक विधानसभा चुनाव होंगे और 10 मार्च को मतगणना की जाएगी।

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