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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन ऐलिवेटेड होगी, लेकिन मुंबई में 21 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा

मुंबई
देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन के लिए पहली बार मुंबई के विक्रोली एरिया में ब्लास्ट कर जमीन में टनल बोरिंग मशीन डालने की तैयारी शुरू हुई। इस दौरान रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वैष्णव ने बताया कि विक्रोली के जिस शाफ्ट से टनल बोरिंग मशीन को प्रवेश कराया जाएगा, वो इस परियोजना का सबसे गहराई वाला हिस्सा होगा। यहां जमीन से करीब 50 मीटर गहराई में टीबीएम से बोरिंग शुरू की जाएगी। मुंबई में कुल तीन जगहों पर शाफ्ट बनाकर टीबीएम से ड्रिलिंग शुरू होगी। पहली टीबीएम दिसंबर, 2024 से बोरिंग का काम शुरू करेगी।

अंडरग्राउंड रूट के लिए काम शुरू
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन ऐलिवेटेड होगी,
लेकिन मुंबई में 21 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। इस हिस्से में ही 7 किमी का वो भी सेक्शन है, जो समंदर से गुजरेगा। इस चुनौतीपूर्ण काम के लिए विक्रोली में जमीनी सतह से 56 मीटर नीचे टीबीएम से खुदाई कर सुरंग बनाई जाएगी। पहली टीबीएम सावली से विक्रोली, दूसरी विक्रोली से बीकेसी के बीच दिसंबर, 2024 में टनल निर्माण का काम शुरू करेगी। तीसरी टीबीएम विक्रोली-सावली के बीच 2025 में जमीन के नीचे उतारने की योजना है। बताया जा रहा है कि केवल ड्रिलिंग के काम में करीब 6 साल का वक्त लगेगा।

महाराष्ट्र में शुरुआत, गुजरात में रफ्तार
मुंबई के बीकेसी से साबरमती तक 508 किमी के इस कॉरिडोर का 156 किमी हिस्सा महाराष्ट्र में होगा और 350 किमी हिस्सा गुजरात में होगा। वैष्णव ने बताया कि पूर्व में उद्धव सरकार के दौरान कई जरूरी अनुमतियां नहीं मिली थीं। इसके कारण महाराष्ट्र में प्रॉजेक्ट अब तक सुस्त था, लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद रफ्तार मिली है। प्रॉजेक्ट के लिए जमीन भी मिल गई और सभी अनुमतियां भी मिल गईं। बहरहाल, गुजरात में काफी पहले से काम शुरू हो गया था और अब तक 284 किमी वायाडक्ट या ब्रिज बनाने का काम भी पूरा हो चुका है।
 
वैष्णव ने कहा कि अगस्त, 2026 तक बिलिमोरा से सूरत के बीच में 48 किमी रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की शुरुआत होगी। ये सेक्शन पब्लिक के लिए उपलब्ध होगा। इसके बाद अन्य सेक्शन चरणबद्ध तरीके से शुरू कर दिए जाएंगे लेकिन मुंबई तक पूरे रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 6 से 7 साल तक इंतजार करना होगा।

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