रायपुर

मोदी सरकार संकट की घड़ी में जिम्मेदारी से हट रही है पीछे, कांग्रेस मजदूरों के साथ : शैलेष

रायपुर {गुणनिधि मिश्रा} । पूरे भारत के मजदूरों की घर वापसी का ट्रेन किराया कांग्रेस द्वारा वाहन किए जाने की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की घोषणा का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब से मोदी सरकार ने और रेलवे ने प्रवासी मजदूरों अपने प्रदेश से बाहर फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेनों में किराया लेने की घोषणा की तब से पूरे भारत में इसका विरोध हो रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करोना महामारी के बाद बनाए गए पीएम केयर फंड जिसमें 65000 करोड रुपए इकट्ठे हो चुके हैं उसका उपयोग इन गरीब मजदूरों की टिकट के लिए क्यों नहीं यह सवाल पूरा भारत पूछ रहा है। रेलवे द्वारा प्रति मजदूर 50 रुपए अतिरिक्त किराया9भाड़ा भी लिया जा रहा है। जिन मजदूरों के पास सवा महीने से बिना काम किए बाहर खाने तक का पैसा नहीं है उनसे टिकट मांगना नरेंद्र मोदी सरकार की कहां की इंसानियत है ? भारत पर और मजदूरों पर जबरिया थोप दिए गए लॉक डाउन के बाद इस तरह की भाड़ा वसूली का सिलसिला कभी भारत के लोग भूल नहीं पाएंगे।

कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि भारत के प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने का किराया कांग्रेस के द्वारा वहन किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की घोषणा का पूरे भारत में व्यापक स्वागत हो रहा है।

शैलेश ने कहा कि खाने-कमाने गए बाहर मजदूरों के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्र और इलाज कराने गए हुए मरीज, तीर्थयात्री भारत के अन्य प्रदेशों में और हजारों छात्र तो विदेशों में भी फंसे हुए हैं। विदेशों में और भारत के अन्य राज्यों में फंसे यह लोग आर्थिक पारिवारिक और व्यक्तिगत परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी भारत की सरकार से मांग करती है कि चूंकि लॉक डाउन की घोषणा केंद्र सरकार ने की है और यह समस्या पूरे भारत की समस्या है इसलिए मजदूरों के साथ-साथ छात्रों मरीजों तीर्थयात्रियों और बाहर फंसे अन्य लोगों के घर वापसी की पूरी व्यवस्था केंद्र सरकार के द्वारा की जाये। अनेक राज्यों से संबंधित होने के कारण या मामला स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और केंद्र सरकार का कर्तव्य भी है। 

इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी से मुंह चुराने से पूरे भारत में गहरी नाराजगी है। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार के आचरण को पूरा भारत देख रहा है और समझ भी रहा है। मजदूरों के साथ साथ बाहर फंसे छात्र तीर्थयात्री और अन्य यात्री सभी भारत के नागरिक हैं और उनको केंद्र सरकार द्वारा घर वापसी से वंचित किया जाना उचित नहीं है।

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