बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के सभी थानों के थानेदार व पुलिस अधिकारियों के सरकारी मोबाइल नंबर पर संज्ञान एप डाउनलोड कराया जा रहा है। इसका सीधा संबंध हाईकोर्ट के एडवोकेट जनरल ऑफिस से होगा। कभी भी किसी दस्तावेजों की जरूरत होती है तो सीधे संबंधित थानेदार या सबंधित पुलिस अधिकारियों के मोबाइल पर नोटिफिकेशन जाएगा। टीआई के साथ साथ एडसीओपी, एसपी, आईजी, एडीजी व डीजी भी इस एप के जरिए संपर्क में रहेंगे। जनवरी के अंत तक इसे शुरू करने की कवायद चल रही है। संज्ञान एप से संबंधित पुलिस अधिकारियों को पता चल जाएगा कि हाईकोर्ट में कौन से थाने या अधिकारी से संबंधित याचिका लगी है और उन्हें जवाब क्या पेश करना है।
थानों में चल रहा ट्रायल
“संज्ञान एप पर काम चल रहा है। इससे पुलिस संबंधी मामलों की कार्यवाही और हाईकोर्ट की प्रक्रिया में लगने वाला समय बचेगा। सभी थानों पर एप का ट्रायल जारी है। जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।” -सतीशचंद्र वर्मा, एडवोकेट जनरल
इसमें रिमांडर की भी व्यवस्था रहेगी। अभी तक केस डायरी के अलावा अन्य दस्तावेजों की मांग के लिए हाईकोर्ट से लिखा-पढ़ी होती थी। इससे संबंधित थानेदार या अफसरों से संपर्क करने में समय लगता था और जानकारी देर से मिलती थी। इसी के मद्दनेजर एजी ऑफिस ने पीएचक्यू की मदद से संज्ञान एप डेपलप किया है। यह एप टीआई व पुलिस अफसरों के सरकारी नंबर पर ही डाउनलोड होगा।
एप डाउनलोड होने से कोर्ट के काम में तेजी आएगी और पुलिस भी यह नहीं कह पाएगी कि उसे पता नहीं चला या देर से जानकारी मिली। अगर पुलिस दस्तावेज कोर्ट में भेजने से चूक गई तो उसका रिमांइर भी आएगा। पुलिस व कोर्ट में कागजी लिखा-पढ़ी और मैनपॉवर की बचत होगी।
संज्ञान एप सीधे हाईकोर्ट के महाधिवक्ता कार्यालय से ऑपरेटर होगा। वहां पुलिस का वायरलेस शाखा है और सब इंस्पेक्टर की पोस्टिंग है। पुलिस की ओर से वह भी इस काम को वहां से देखेंगे। शनिवार को पीएचक्यू से टेक्निकल डिपार्ट से एडिशनल एसपी कवि गुप्ता को एजी आफिस में बुलाया गया था।