बिलासपुर

नेता प्रतिपक्ष कौशिक का सवाल: आबकारी की अतिरिक्त कमाई कहाँ जा रही है?

ओवर रेट शराब ब्रिकी के नाम पर केवल दिखावा कर रही है प्रदेश सरकार

बिलासपुर। प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि शराब दुकानों में ओवर रेट ब्रिकी को लेकर सरकार केवल दिखावा मात्र कर रही है। सरकार में इच्छा शक्ति होती तो यह अवसर शराबबंदी को लेकर एक बेहतर अवसर है। इन सबके बीच शराबबंदी को लेकर कोई कारगर कदम उठाने के बजाय सरकार तथाकथित रूप से पूरे प्रदेश में अवैध शराब की ब्रिकी को प्रोत्सहित कर रही है।

श्री कौशिक ने कहा कि अब हालत यह है कि सरकारी शराब दुकानों में मनमानी दरों पर शराब बेची जा रही है और सरकार मौन है, जिस पर सवाल उठना लाजमी है। अब दिखावा के लिये आबकारी अमला केवल कागजी कार्रवाई कर मामले को वहीं खत्म कर देना चाहता है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खुद ही दिखावे के लिये आबकारी अमले ने खानापूर्ति कर 40 दुकानों पर कार्रवाई की है। पूरे प्रदेश में दुकानों पर दर की सूची भी नहीं लगी है जिसके कारण मनमानी दर पर शराब बेची जा रही है। दुकानों पर सेल्समैन द्वारा बिल मांगे जाने पर अभद्रता केए जाने की खबरें भी आम हैं। कई जगह पर तो कम्प्यूटर व दर मशीनें खराब होने का बात कही जा रही है। श्री कौशिक ने जानना चाहा कि आखिरकार आबकारी विभाग की इस अतिरिक्त कमाई का पैसा कहां जा रहा है? इसकी जांच होनी चाहिये।

छत्तीसगढ़ में ओवर रेट से शराब बेचने के काम ने एक तरह से कारोबार का रूप ले लिया है। ये आखिरकार किसके संरक्षण में हो रहा है, यह एक असुलझा सवाल है। शराब दुकानों में सौ से दो सौ की अधिक दर पर शराब बेची जा रही है जिसकी शिकायत लगातार मिलने के बाद भी आबकारी अमला केवल खानापूर्ति में लगा है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में आलम एक जैसा ही है। सरकारी दुकानों में शराब अधिक दर पर तो बेची ही जा रही है, साथ ही घर पहुँच सेवा के नाम पर भी अधिक पैसे लिये जा रहे हैं। इसमें तो आबकारी विभाग ने बिना टेंडर ही घर पंहुच सेवा शुरू कर दी है।

कोरोना काल में सबने शराब दुकानें खोले जाने का विरोध किया है। महिलाएँ लगातार विरोध कर रही हैं, इसके बाद भी सरकार शराबबंदी पर कुछ ठोस कदम उठाने के बजाय प्रदेश में शराब के ब्रिकी को प्रोत्सहित करने में लगी है। शराब के दुकानों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो रहा है और कोरोना के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कहीं स्थिति और भयावह होगी तो इसके लिये कौन जिम्मेदार होगा?

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