पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए तैयारियां जोरों पर, 23 जून को है रथयात्रा
पुरी (गुणनिधि मिश्रा) । भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार भव्य रूप से मनाया जाएगा या सांकेतिक रथ यात्रा निकलेगी यह परिस्थितियों पर निर्भर है। पहले उड़ीसा सरकार ने और अब केंद्र सरकार ने रथ यात्रा की तैयारी के लिए अनुमति दे दी है। अनुमति मिलने के बाद रथ बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने यह जरूर कहा है कि रथ बनाते समय सरकारी गाइड लाइन का पालन किया जाए। मंदिर कमेटी भी इन्हीं दिशा-निर्देशों के मुताबिक रथ यात्रा की तैयारी में जुट गई है।
भगवान जगन्नाथ की ओडिशा के पुरी से रथयात्रा निकालने के लिए केंद्र सरकार ने रथ निर्माण की अनुमति दे दी है। सरकार की अनुमति मिलने के साथ ही पुरी में रथ का निर्माण भी शुरू हो गया है। भगवान जगन्नाथ मंदिर कमेटी ने पहले उड़ीसा सरकार से इस संबंध में बात की थी तब सरकार के ओर से यह बयान आया कि रथ यात्रा तो निकलेगी लेकिन हर वर्ष की तरह इसे भव्य रूप से मनाया जाएगा या सांकेतिक रूप से इसे उस समय ही की परिस्थिति के मुताबिक मंदिर कमेटी को ही तय करना होगा। राज्य और केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद रथ निार्माण में 120 कारीगरों को लगाया गया है। जो अलग-अलग जगहों में तीन रथ का निर्माण करेंगे।
पिछले तीन दिनों से कारीगरों ने तीनों रथों के निर्माण की विधि शुरू कर दी है। इसके बाद रथयात्रा को लेकर चल रहे संशय पर कुछ हद तक विराम लगा है। हालांकि, रथयात्रा अगर निकलती है तो उसका स्वरूप कैसा होगा, इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
केंद्र सरकार ने अपनी अनुमति में ये साफ किया है कि रथ निर्माण के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन जरूरी है। रथ का निर्माण भी ऐसी जगह होना चाहिए जहां पर आम लोग इकट्ठा ना हों। अभी तक रथ का निर्माण मंदिर के सामने ही होता आया है, जो रथयात्रा का मुख्य मार्ग है। यहां लोगों के जमा होने की संभावना है, इसलिए रथ का निर्माण कहीं ओर हो, जहां भीड़ एकत्र ना हो सके। रथयात्रा 23 जून को शुरू होनी है।
मंदिर 20 मार्च से बंद
रथयात्रा को लेकर इस बार काफी समय से संशय की स्थिति चल रही है। कोरोना वायरस के चलते मंदिर 20 मार्च से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद है। रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव है। इसमें देश-दुनिया से 10 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल होते हैं। लॉकडाउन के बाद से ही कोरोना के कारण ये माना जा रहा था कि इस साल रथयात्रा संभवतः निरस्त ही होगी। 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया से मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का रथ तैयार होना था लेकिन लॉकडाउन के चलते शुरू नहीं हो पाया था।
4 मई को जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने इस पर मामले पर मीटिंग के बाद ये तय किया था कि पुरी जिला कोरोना से लगभग मुक्त है और ग्रीन जोन में है, इसलिए यहां रथ निर्माण शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि रथ निर्माण कोई धार्मिक उत्सव नहीं है, ये एक तरह का निर्माण कार्य ही है। मंदिर समिति ने ये प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, राज्य सरकार ने केंद्र को भेज दिया था।