धर्म

कुंडली में पंचयोग कैसे बनता है, जानिए ज्योतिषाचार्य पूनम पांडेय से ….

 

ज्योतिष पर रुचि रखने वाले सभी वर्गों में हैं। भारत के ज्योतिषाचार्यों की पूछपरख कई देशों में अब होने लगी है। दिल्ली बुलेटिन के लिए धनबाद से पूनम पांडेय ज्योतिष की विभिन्न पहलुओं पर जानकारी देंगी। कुंडली पर योग की चर्चा हमेशा होती है। आज चर्चा की शुरूआत पंचयोग से पूनम पांडेय जी कर रहीं हैं।

 

मालव्य योग

मालव्य योग ज्योतिष के पंच महापुरुष योगों में से एक योग है। जब कुण्डली में शुक्र स्वराशि या उच्च का होकर केन्द्र में विराजमान हो तब यह योग बनता है। जिनकी कुंडली में यह योग बनता है उन्हें जीवन में सभी सांसारिक सुख प्राप्त होता है। भूमि, भवन एवं वाहन के मालिक होते हैं। अभिनय, कला, सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों तथा कपड़ों से जुड़े क्षेत्र में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं।

भद्र योग

भद्र योग ज्योतिष के पंच महापुरुष योगों में से एक योग है। कुंडली के केन्द्र स्थानों में जब बुध ग्रह अपनी स्वराशि या उच्च राशि में विराजमान हो तब यह योग बनता है। इस योग वाले जातक चतुर, तर्क करने वाले तथा वाणी में निपुण होते हैं। ऐसे जातक अकांउट, लेखन, मीडिया एवं औषधि के क्षेत्र में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं। ये अपनी उम्र से छोटे नजर आते हैं।

रुचक योग

यह पंच महापुरुष योगों में से एक योग है। जब कुण्डली में मंगल स्वराशि या उच्च का होकर केन्द्र में विराजमान हो तब रुचक योग बनता है। इस योग वाले जातक निडर, साहसी और जोखिम लेने वाले होते हैं। नौकरी करें तो प्रशासनिक सेवा में उच्च पद प्राप्त करते हैं, और व्यवसाय करें तो जमीन जायदाद, भूमि के कार्यों से बहुत धन अर्जित करते हैं। अपने कुल में श्रेष्ठ होते हैं।

हंस योग

ज्योतिष शास्त्र में हंस योग पंच महापुरुष योगों में से एक योग है। कुंडली में जब गुरु अपनी स्वराशि या उच्च का होकर केन्द्र में विराजमान हो तब यह योग बनता है। इस योग वाले जातक उच्च कोटि के शिक्षक, प्रोफेसर वकील, न्यायधीश, ज्योतिषी या साधक बनाते हैं। वो एक अच्छे परामर्शदाता एवं न्याय कर्ता होते हैं। अपने गुणों से समाज को लाभान्वित करते हैं। समाज में सम्मानित एवं प्रतिष्ठित होते हैं।

शश योग

शश योग पंच महापुरुष योगों में से एक योग है। कुंडली में जब शनि उच्च या स्वराशि का होकर केन्द्र में विराजमान हो तब यह योग बनता है। इस योग वाले जातक को सफलता देर से परन्तु स्थायी सफलता प्राप्त होती है। जातक उच्च पद प्राप्त करता है। राजनीति में जाए तो विशेष सफलता प्राप्त करता है। जातक के अधीन बहुत सारे लोग काम करते हैं।

पंच- महापुरुष योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मुख्य पांच प्रकार के राजयोग होते हैं। जिन्हें पंचमहापुरूष योग कहा जाता है। यह योग पांच ग्रहों के अपने अपने उच्च एवं केन्द्र स्थानों में स्थित होने से बनता है। ये ग्रह हैं— गुरु, शनि, शुक्र, मंगल और बुध। और इनसे बनने वाले पंच महापुरुष योग क्रमशः- हंस, शश, मालव्य, रूचक और भद्र योग हैं।

कुंडली में इनमें से कोई एक भी योग हो तो व्यक्ति को कम प्रयास में ही सफलता देता है। एक से ज्यादा हो तो व्यक्ति राजा के समान जीवन व्यतीत करता है।

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