सिम्स की व्यवस्था सुधारने जोगी कांग्रेस के लोग मिले कलेक्टर से
बिलासपुर। छग आयुर्विज्ञान सिम्स में हो रहे भारी अनियमितताओं को लेकर जोगी कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता कलेक्टर डॉ. संजय अलंग से मुलाकात कर मांगों का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कलेक्टर को बताया कि सिम्स में मरीजों को वितरण करने हेतु शासन से लगभग 2 करोड़ रूपए की दवा एक्सपायरी होकर स्टोर रूम में पड़ी हुई है। सिम्स का सिटी स्कैन मशीन लगभग दो वर्षों से बंद पड़ा है, जिससे यहां पहुंने वाले मरीजों व गरीबों को निजी सिटी स्कैन सेंटरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
सिम्स में पहुंचने वाले मरीजों को डॉक्टर सोनोग्राफी कराने लिख रहे हैं किन्तु विभाग द्वारा मरीजों को एक माह बाद आने की तारीख दी जा रही है। जिसके चलते मरीजों को बाहर अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं या एक माह तक तकलीफ से होकर गुजरना पड़ रहा है।
इसी तरह सिम्स में एंटी रैबीज इंजेक्शन केवल 4-5 मरीजों को ही उपल्ब्ध कराया जा रहा है जबकि यहां 50-60 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। जिन्हें बाहर से खरीदकर इंजेक्शन लगाना पड़ रहा है।
डीके हास्पिटल रायपुर का रिजेक्टेड मशीन को सिम्स में लगाया गया है, जिसकी वजह से यहां पहुंचने वाले मरीजों का आर्थोपेटिक्स संबंधित आपरेशन नहीं हो रहा है। ACRM मशीन खराब होने के कारण आपरेशन भी प्रभावित हो रहे हैं। सिम्स के ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड के सैंपलिंग की व्यवस्था नहीं रहती तथा सभी प्रकार के ब्लड की व थायरायड की भी जांच भी नहीं की जाती। सिम्स में EEG मस्तिष्क जांच की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीण अंचल से आने वाले 108 नंबर के मरीजों को सरकारी अस्पतलों में न ले जाकर मिली भगत कर निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराकर इलाज कराया जाता है। वहीं हृदय रोग के डॉक्टर महीने में केवल दो ही दिन मरीजों का परीक्षण करते हैं। सिम्स में डॉक्टरों की कमी भी दूर की जाए। यहां आने वाले सीनियर सिटीजन मरीज एम एस के चक्कर लगाते रहते हैं परन्तु उनका उपचार नहीं हो पाता, ऐसी शिकायतें आम है।
जोगी कांग्रेस के पदाधिकारियों व समर्थकों ने सिम्स की समस्याओं को दूर करने की मांग वाला ज्ञापन सौंपा है।