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ओडिशा में एक्साइज ड्यूटी में 368 प्रतिशत की भारी वृद्धि, विपक्ष बोला- चुनाव जितने लोगों को नशे के गर्त में धकेल रही सरकार….

भुवनेश्वर। ओडिशा के उत्पाद शुल्क मंत्री अश्विनी पात्र ने हाल ही में भाजपा विधायक कुसुम टेटे के एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए, विधानसभा को सूचित किया कि राज्य सरकार ने 2011-12 में 1379.91 करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क राजस्व एकत्र किया है. 2022-23 में एक्साइज ड्यूटी रेवेन्यु कलेक्शन 368 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6455.06 करोड़ रुपये हो गया है. एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए अश्विनी पात्र ने आगे कहा कि सरकार ने साल 2023-24 में लगभग 7,800 करोड़ रुपये का एक्साइज ड्यूटी रेवेन्यु अर्जित करने का लक्ष्य रखा है.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के तीसरे से पांचवें कार्यकाल (2012-22) के दौरान, ओडिशा के एक्साइज ड्यूटी रेवेन्यु में 368 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है. चिंता की बात यह भी है कि कोरोनाकाल के दौरान भी राज्य सरकार के एक्साइज ड्यूटी रेवेन्यु में कोई गिरावट नहीं आई थी. विपक्षी पार्टी भाजपा और कांग्रेस ने राज्य में इस तरह की स्थिति के लिए सत्तारूढ़ बीजद (बीजू जनता दल) की जमकर आलोचना की है. विपक्षी दलों का आरोप है कि बिजद शासन के दौरान राज्य में लोगों के बीच शराब पीने की आदत बढ़ गई है. ओडिशा में कई शराब विरोधी संगठन इसे लेकर राज्य सरकार के खिलाफ हैं.

गौरतलब है कि ओडिशा सरकार एक्साइज ड्यूटी से इतना अधिक राजस्व अर्जित कर रही है, लेकिन लोगों को शराब के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान आयोजित करने में केवल 10.42 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम ने नशामुक्ति कार्यक्रमों के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये को स्पष्ट कर दिया है. ओडिशा में कई शराब विरोधी संगठनों ने विकास को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है.

मिलित ओडिशा निशा निबाराना अभिजाना (एमओएनए) के अध्यक्ष पद्म चरण नायक ने कहा. “सरकार की मंशा है कि राज्य में शराब की खपत को बढ़ावा देकर वे आसानी से चुनाव जीत सकें. वे शराब के बिना चुनाव के दौरान युवाओं को इकट्ठा नहीं कर सकते और रोड शो नहीं कर सकते. सरकार को राज्य और उसके लोगों की परवाह नहीं है, वे केवल चुनाव जीतने के बारे में चिंतित हैं.”

 गौरतलब है कि पिछले 20 सालों के दौरान ओडिशा में शराब की दुकानों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है. साल 2022-23 तक, ओडिशा में 1749 देशी शराब की दुकानें, 663 विदेशी शराब की दुकानें, 35 सैन्य कैंटीन, 46 बीयर पार्लर की दुकानें और 673 बीयर ऑन-शॉप होंगी. हालांकि, चिंता की बात यह है कि इतनी सारी शराब की दुकानें होने के बावजूद राज्य में अवैध शराब का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है. 2020 से इस सिलसिले में 1,56,413 मामलों में 25,702 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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