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हनुमंत राव ने कहा- योग से शुचिता आती है, यही जीवनभर व्यक्तिगत सदव्यवहार के लिए प्रेरित करता है

विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी संस्थान मध्य प्रान्त द्वारा विमर्श आयोजित

रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । योग व्यक्तिक व्यवहार की आत्मा है यही शुचिता योग से आती है और यही जीवन भर व्यक्तिगत सदव्यवहार के लिए प्रेरित करता है।

आज योग दिवस पर प्रातःकालीन “योग: विश्व को भारत का उपहार..” विषय पर बौध्दिक हुआ। इस विमर्श का आयोजन विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी मध्य प्रांत द्वारा हुआ। जिसका शारीरिक, व्यक्तिगत दूरी को ध्यान रख कर डिजिटल किया गया। आज संध्या 4 बजे हनुमंत राव, .. विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के अखिल भारतीय कोषा अध्यक्ष ने कन्याकुमारी से इस विमर्श को को संबोधित किया।

उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि विश्व में जहां पर भी सत्य, अहिंसा, अच्छाई, आनंद, परिपूर्ण है, उसकी देन योग है। भारत ने विश्व को योग के माध्यम से संघर्ष विहीन समाज का निर्माण सिखाया और आगे भी भविष्य में भारत ही एक ऐसा देश है जो यह विश्व को दे सकता है। उन्होंने आगे बताया कि आसन प्राणायाम के माध्यम से सूक्ष्म प्रक्रिया हमारे शरीर में होती है, जिसके कारण हमें आनंद की प्राप्ति होती है। योग की मातृभूमि गर्भ भूमि भारत है, ऋग्वेद में योग के बारे में जानने को मिलता है। एकात्मता के साथ योग जुड़ा हुआ है अतः केवल व्यक्ति ही नहीं समाज राष्ट्र एवं संपूर्ण विश्व इसको अनुभव करते हैं।

कार्यक्रम का संचालन मोहन चक्रवेश्य ने किया तथा तीन ओमकार की ध्वनि और प्रार्थना एवं गीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई और कार्यक्रम के अंत में श्रवण पाठक ने आभार प्रदर्शित किया। इस विमर्श के संयोजक मनोज गुप्ता रहे कार्यक्रम में 1 हज़ार 49 व्यक्तियों वर्चुअल उपस्थिति रही जो गूगल मीट, यू ट्यूब और फेसबुक में सुना व देखा गया।

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