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डीजीपी से लेकर सिपाही तक ने ली शराब नहीं पीने की शपथ …

नई दिल्ली। अपराध नियंत्रण, विधि-व्यवस्था और शराबबंदी की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को और सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने शपथ ग्रहण के लिए 21 दिसम्बर की तारीख तय की थी। आजीवन शराब नहीं पीने की शपथ लेने के लिए सोमवार को सुबह ग्यारह बजे का वक्त मुकर्रर था। तो, तय समय पर पुलिस मुख्यालय के अलावा जिला, इकाई, सभी थाना, ओपी और पुलिस अफसरों के दफ्तरों में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

बिहार के 80 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली है। सोमवार को राज्य पुलिस मुख्यालय से लेकर ओपी और चौकी तक में शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ। शपथ लेनेवालों में डीजीपी एसके सिंघल से लेकर पुलिस के हर रैंक के अधिकारी और सिपाही तक शामिल थे।

इस दौरान पंक्तिबद्ध होकर पुलिस अधिकारियों और जवानों ने शराब का सेवन नहीं करने की शपथ ली। शपथ कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। शपथ लेने के साथ ही सभी पुलिसकर्मी द्वारा शपथ प्रति पर अपना नाम, पदनाम, स्थान जहां शपथ ली गई लिखकर हस्ताक्षर भी किया गया। इसे वहां के वरीय अधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित किया जाएगा। किन-किन पुलिसकर्मियों ने शपथ ली इसकी रिपोर्ट आईजी मद्यनिषेध को भेजी जाएगी। जो पुलिसकर्मी किसी कारणवश शपथ नहीं ले पाएं हैं, उन्हें हर हाल में 4 जनवरी 2021 तक शपथ ले लेनी होगी।

बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से अबतक तीन बार पुलिसकर्मी शराब नहीं पीने को लेकर शपथ ले चुके हैं। 24 जून 2019, 26 नवंबर 2018 और 5 अप्रैल 2016 को उन्हें शपथ दिलायी गई थी। वहीं, शराबबंदी कानून लागू होने के बाद लापरवाही बरतने और अवैध शराब व्यापार को संरक्षण देने के आरोप में अब तक 430 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें 56 से अधिक पुलिस कर्मियों को शराब पीने, तस्करों को संरक्षण देने और कार्रवाई न करने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।

यूं लिया गया शपथ

मैं—-आज दिनांक 21 दिसम्बर को (—-) के प्रांगण में सत्यानिष्ठा के साथ यह शपथ लेता हूं/ लेती हूं की मैं आजीवन शराब का सेवन नहीं करूंगा/ नहीं करूंगी। मैं कर्तव्य पर उपस्थित रहूं या न रहूं, अपने दैनिक जीवन में भी शराब से संबंधित गतिविधियों में किसी प्रकार से शामिल नहीं होऊंगा / होऊंगी। शराबबंदी को लागू करने के लिए जो भी विधि संम्मत कार्रवाई अपेक्षित है, उसे करूंगा/करूंगी।  यदि शराब से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल पाया जाऊंगा/ जाऊंगी तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई का/की भागीदार बनूंगा/बनूंगी।

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