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शुभमन गिल चिंगारी को जंगल की आग में बदलने में है सक्षम : रवि शास्त्री…

नई दिल्ली। कोच के रूप में रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल में, भारत को न केवल क्रिकेट का एक प्रमुख ब्रांड बनाया, बल्कि धाकड़ और निडर क्रिकेटर्स का भी निर्माण किया। ऐसे क्रिकेटर्स जो भारतीय क्रिकेट को अगले युग में ले जाने के लिए तैयार हैं।

पेस बैटरी का उदय और अपने प्रदर्शन से आश्चर्यचकित करने देने का कौशल रखने वाले कुछ होनहार युवाओं के उद्भव को शास्त्री के कार्यकाल की दो बड़ी उपलब्धियों के रूप में माना जा सकता है। इसके अलावा विदेश में भी भारत का अभूतपूर्व रिकॉर्ड रहा।

रवि शास्त्री ने भले ही भारत के मुख्य कोच का पद छोड़ दिया हो, लेकिन खिलाड़ियों के इस अति-आत्मविश्वासी और प्रतिभाशाली समूह के प्रति उनकी प्रशंसा बढ़ती जा रही है। युवाओं की वर्तमान ब्रिगेड की प्रशंसा करते हुए, शास्त्री ने तीन खिलाड़ियों को चुना है, जो भारतीय क्रिकेट के पिछले युगों में देखे गए खिलाड़ियों से अलग हैं।

रवि शास्त्री ने कहा, ‘वे शानदार हैं! पंत, शुभमन गिल, बुमराह- उन्हें भारत के लिए डेब्यू किए हुए कुछ साल ही हुए हैं। लेकिन उन पर उनके पूर्ववर्तियों के समान ही भरोसा है। यह सिर्फ ऐसा है जैसाकि युवाओं का उत्साह और निडरता कहीं अधिक है। वे पिछली पीढ़ियों की तुलना में कहीं अधिक अनुभवी हैं।’

जसप्रीत बुमराह का उदय किसी से छिपा नहीं है। दो साल से भी कम समय में, बुमराह टेस्ट में भारत की पेस बैटरी के अगुआ बन गए हैं, जबकि एकदिवसीय और टी20 इंटरनेशनन में वह अपने खेल को कई पायदान ऊपर ले गए हैं।

फिर ऋषभ पंत हैं, जिन्होंने 2020 के अंत में वापसी के बाद से टीम में अपनी जगह पक्की की है। ऑस्ट्रेलिया में और बाद में इंग्लैंड के खिलाफ घर में उनके कारनामे किंवदंतियां हैं। इसमें संदेह नहीं है कि 23 वर्षीय यह खिलाड़ी आगामी दो विश्व कप में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनेगा।

दूसरी ओर, शुभमन गिल ने अपने अंदर जो चिंगारी दिखाई है, उससे लगता है कि वह इसे जंगल की आग में बदलने में अत्यधिक सक्षम हैं। रवि शास्त्री ने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि आईपीएल से फर्क पड़ा है। अब एक्सपोजर का स्तर बहुत अलग है।’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना, उनके साथ और उनके खिलाफ खेलना और फिर भारतीय टीम में आना। यह उन्हें कहीं अधिक अनुभवी बनाता है। जब मैं भारतीय टीम के लिए खेला था, उससे पहले मैंने घरेलू क्रिकेट में अधिकतम गति 74 किमी प्रति घंटे का सामना किया था। फिर, जब मैंने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया तो इमरान खान और वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों का सामना किया।’

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