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पुलिस एनकाउंटर में मारा गया विकास दुबे, अखिलेश और दिग्विजय ने उठाए सवाल …

लखनऊ। कुख्यात बदमाश विकास दुबे आखिर पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। पुलिस का कहना है कि जिस वाहन से विकास को लाया जा रहा था, वह वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके बाद विकास पुलिस कर्मी का पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास किया। पुलिस की गोली से विकास दुबे मारा गया। सपा के प्रमुख अखिलेश यादव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठाएं हैं।

कानपुर पुलिस ने विकास दुबे के एनकाउंटर के संबंध में अधिकारिक रूप से जो बयान दिया है उसके मुताबिक थाना चौबेपुर पर 3 जुलाई 2020 को पंजीकृत मुअस 192/20 धारा 147/148/149/302/307/394/120बी भादवि व 7 सीएलए एक्ट जो 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने से संबंधित है, में वांछित 5 लाख रुपए का इनामियां अभियुक्त विकास दुबे पुत्र राम कुमार दुबे निवासी बिकरू थाना चौबेपुर कानपुर नगर को उज्जैन, मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के पश्चात पुलिस व एसटीएफ टीम द्वारा आज 10 जुलाई 2020 को कानपुर नगर लाया जा रहा था।

कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटना ग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त व पुलिसजन घायल हो गये। इसी दौरान विकास दुबे उपरोक्त ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछाकर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने हेतु कहा गया किन्तु वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गयी जिसमे विकास दुबे घायल हो गया। दुबे को तत्काल ही ईलाज हेतु अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान अभियुक्त विकास दुबे की मृत्यु हो गयी।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह का यह अपराधी था यह तो होना ही था। दिग्विजय सिंह ने एमपी पुलिस के श्रेय लेने पर उठाए सवाल। निजी सिक्योरिटी ने पकड़ा था लेकिन प्रदेश की पुलिस श्रेय लेने की कर रही कोशिश। मध्यप्रदेश में उज्जैन पहुंचने पर भी उठाए सवाल। उज्जैन को ही क्यों चुना। उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए। जिसकी आशंका थी वही हुआ और पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। पिछले 4 दिन में यूपी पुलिस ने किए तीन एनकाउंटर तीनों का घटनाक्रम एक समान है। विकास दुबे को हथकड़ी नहीं लगाए जाने पर भी दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए हैं। खूंखार अपराधी को क्यों नहीं लगाई गई हथकड़ी। तीनों जगह यही हुआ गाड़ी रुकी पिस्तौल छीनी भागा और गोली मार दी गई तीनों एनकाउंटर एक तरीके से हुए। मुझे पहले से थी आशंका इसके पास किन-किन राजनीतिक लोगों के राज थे। कौन-कौन पुलिस के बड़े अधिकारी कर्मचारी शासकीय अधिकारी मिले हुए थे, इन सब चीजों का खुलासा होता लेकिन ऐसे अपराधी का हश्र यही होना था…

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल रात अफसरों की एक बैठक ली। जिसमें उन्होंने पुलिस के बड़ अधिकारियों को मॉनिटरिंग में लापरवाही के लिए जिम्मेदार बताते हुए खरी-खोटी सुनाई और यहां तक कहा कि ये किसी  काम के नहीं। फिर उन्होंने कुछ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी थी।

 

कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने एनकाउंटर के बाद अधिकारिक रूप से बताया कि पुलिस के चार लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

 

सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि दरअसल कार पलटी नहीं हैं, राज खुलने से सरकार पलटने के डर से कार पलटाई गई।

 

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आरबी कमल ने पत्रकारों से कहा,”विकास दुबे को चार गोलियाँ लगी थीं. तीन गोली सीने में और एक हाथ में. विकास दुबे को मरी हुई हालत में लाया गया था.”उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में तीन सिपाही घायल हुए हैं जिन्हें मल्टीपल इंजरी हुई है. दो पुलिसकर्मियों को गोली छूकर निकल गई है और उनकी स्थिति स्थिर है।

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