Uncategorized

ममता बनर्जी का अमित शाह पर पलटवार, कहा- आत्महत्या को भी राजनीतिक हिंसा बताती है बीजेपी …

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के ही कुछ अन्य आंकड़ों को गिनाते हुए कहा कि गृह मंत्री अपनी ही सरकार के आंकड़ों को नहीं देखते हैं। विकास की दौड़ में पश्चिम बंगाल के पिछड़ने को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की ओर से लगाए गए आरोपों पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाब दिया है। ममता बनर्जी ने राजनीतिक हिंसा को लेकर कहा कि खुदकुशी और घरेलू मामलों को भी बीजेपी सियासी हिंसा बताती है।

ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंकड़े रखते हुए कहा कि गरीबी घटाने में पश्चिम बंगाल नंबर एक राज्य है। उन्होंने स्कूल, कॉलेज खोलने से लेकर उनमें दाखिलों में इजाफा, मेडिकल कॉलेज-आईटीआई, बाल मृत्युदर में कमी जैसे आंकड़े गिनाते हुए बताया कि टीएमसी सरकार के नेतृत्व में राज्य विकास की राह पर है।

पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 300 कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप पर जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ”राज्य में राजनीतिक हिंसा में कमी आई है। बीजेपी आत्महत्या को भी राजनीतिक हिंसा बताती है। पारिवारिक मामलों को भी सियासत करती है। रेप, हत्या, नक्सली घटनाओं में कमी आई है। कानून व्यवस्था की स्थिति पहले से बेहतर है।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल दौरे के समय रविवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही हैं और राज्य विकास के सभी मापदंडों पर तेजी से पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, ”पश्चिम बंगाल विकास के हर पैमाने पर निचले पायदान पर पहुंच गया है और पिछले एक दशक में राजनीतिक हत्याओं, जबरन वसूली, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार जैसे गलत कामों में फंस गया है।” शाह ने कहा था कि राज्य में राजनीतिक हिंसा चरम पर है ममता शासनकाल में बीजेपी के करीब 300 कार्यकतार्ओं की हत्या हो चुकी है।

गृहमंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रशासन का राजनीतिकरण किया गया है और भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाया गया है क्योंकि ममता बनर्जी सरकार सिर्फ अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए केवल 10 करोड़ की आबादी को वंचित कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के डर से गरीबी उन्मूलन को लेकर शुरू की गयी केंद्रीय योजनाओं को अवरुद्ध कर रही है तथा संघीय ढांचे के सभी मानदंडों का उल्लंघन का उल्लंघन कर रही है।

Back to top button