नई दिल्ली

54 लोगों की मौत से खौफ, हजार लोगों ने छोड़ा मणिपुर, उपद्रवियों ने पुलिस से लूटे गोला- बारूद और हथियार…

मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के कोर्ट के आदेश के खिलाफ आदिवासियों के जारी विरोध प्रदर्शन में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि मणिपुर के जिरिबाम जिले और आसपास के इलाकों के 1,100 से अधिक लोगों ने पड़ोसी राज्य में हिंसा के बाद असम के कछार जिले में शरण ली है.

अधिकांश प्रवासी कुकी समुदाय के हैं. मणिपुर में उनके घरों को उन समूहों ने नष्ट कर दिया है. जिरीबाम निवासी 43 वर्षीय एल मुंगपू ने कहा, “गुरुवार की रात करीब 10 बजे थे जब हमने अपने इलाके में चीखें सुनीं और हमें यह महसूस करने में कुछ मिनट लग गए कि हम पर हमला हो रहा है. उपद्रवी हम पर पथराव कर रहे थे, हमें धमकी दे रहे थे और कह रहे थे कि यह उनकी आखिरी लड़ाई है.

अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में छुट्टी पर गए सीआरपीएफ कोबरा कमांडो की शुक्रवार को उनके गांव में हथियारबंद हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. अधिकारी ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने 23 लोगों की मौत की सूचना दी है.

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कछार जिला प्रशासन को मणिपुर हिंसा प्रभावित परिवारों की देखभाल करने का निर्देश दिया. वह मणिपुर के अपने समकक्ष एन बीरेन सिंह से लगातार संपर्क में हैं. सिलचर के सांसद राजदीप रॉय ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर करीब से नजर रख रही है. असम सरकार इस स्थिति में मणिपुर के साथ खड़ी है.

मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार ने एक न्यूज ऐजेंसी को बताया, “मणिपुर प्रशासन उन्हें विभिन्न पुलिस स्टेशनों के साथ 23 स्थानों पर तैनात करने के लिए बल तैयार कर रहा है. संवेदनशील क्षेत्रों में आरएएफ, असम राइफल्स, बीएसएफ और आईआरबी का प्रभुत्व है. मणिपुर के डीजीपी ने शुक्रवार को कहा कि बदमाशों ने लूटपाट की है. 23 पुलिस स्टेशनों से हथियार और गोला बारूद लूटकर ले गए.

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