लेखक की कलम से

संविधान और मूल अधिकार …

 

 

 

आज़ादी के बाद देश में

बना हमारा नया विधान,

गणतंत्र भारत को मिला

अपना एक लिखित संविधान।

 

बाबा अंबेडकर निर्माता इसके

कानून के थे वो ज्ञाता

26 नवम्बर संविधान किया पूरा

कहलाए विधि निर्माता।

 

हैं इसमें अनुसूची बारह

और चार सौ पैंसठ अनुच्छेद

बाइस भागों में ये विभाजित

करता किसी में न कोई भेद।

 

भाग तीन है बड़ा निराला

देता हमको छः अधिकार

मानव विकास में सहायक हैं ये

कहते इनको मूल अधिकार।

 

पहला अधिकार है समानता का

ऊँच नीच का भेद मिटाए

दूजा अधिकार आजादी का

है जीवन रक्षा करवाए।

 

नंबर तीन अधिकार अनोखा

मानव शोषण है रुकवाता

धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार

सर्वधर्म सम्भाव सिखाता।

 

संस्कृति का संरक्षण कर लो

कहे शिक्षा संस्कृति का अधिकार

संविधान की आत्मा कहलाए

संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

 

अधिकार मिले हैं विकास को

न इनका दुरुपयोग करो

चहुँमुखी विकास कर अपना

देश उन्नति में सहयोग करो।

 

©डॉ. रीता सिंह, आया नगर, नई दिल्ली, अस्सिटेंड प्रोफेसर चंदौसी यूपी

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