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उत्तर प्रदेश में ‘INDIA’ में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनी, अखिलेश यादव ने खुद किया खुलासा

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीटों के बंटवारे पर मुहर लग गई है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जानकारी देते हुए बताया कि गठबंधन के तहत कांग्रेस यूपी की 11 सीटों पर लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) लड़ेगी।

सपा मुखिया ने शनिवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।

शनिवार को अखिलेश यादव ने पोस्ट करते हुए लिखा- कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।

    कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अखिलेश यादव के फैसले से कांग्रेस पार्टी के अहसमत होने की खबर है। कहा जा रहा है कि यह फैसला अखिलेश यादव का है न कि कांग्रेस का। हालांकि अभी तक कांग्रेस के किसी नेता का इस पर बयान नहीं आया है।

आपको बता दें कि 17 जनवरी को सीटों के बंटवारे पर दिल्ली में गठबंधन के घटक दलों कांग्रेस और सपा के बीच बैठक हुई थी, लेकिन बैठक में कोई नतीजे नहीं निकल सका था। बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि सपा के साथ एक और बैठक होनी है। बात नहीं बनी तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे अखिलेश यादव के साथ बात करेंगे।

पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन
2009- कांग्रेस 69 सीटों पर चुनाव लड़ी और 21 जीती। इस चुनाव में सपा 75 पर लड़कर 23 और बसपा 69 पर लड़ी और 20 सीटें जीतीं।

2014- कांग्रेस 67 पर लड़कर सिर्फ दो सीट जीती। सपा 75 में पांच और बसपा 80 पर लड़ी और एक भी सीट नहीं जीत पाई।

2019- सपा- बसपा का गठबंधन था। कांग्रेस 67 पर लड़ी और सिर्फ रायबरेली जीत पाई। सपा 37 पर लड़ी और पांच जीती, जबकि बसपा 38 पर लड़ी और 10 जीती। रामपुर और आजमगढ़ हारने के बाद सपा के सिर्फ तीन सांसद हैं।

इंडिया गठबंधन के लिए संजीवनी

बता दें कि पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच इंडिया गठबंधन का टूटना तय माना जा रहा था, लेकिन इस बीच अखिलेश यादव के इस पोस्ट से इंडिया गठबंधन को एक बार फिर से जान मिली है। एक तरफ जहां पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया तो वहीं पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन से दूरी बना ली है। वहीं बिहार की बात करें तो यहां भी इंडिया गठबंधन संकट में नजर आ रही है। ऐसे में उत्तर भारत के कई राज्यों में जहां इंडिया गठबंधन संकट में था तो वहीं दिल्ली की गद्दी का रास्ता कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन को संजीवनी देने का काम किया है।

 

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