पेण्ड्रा-मरवाही

कलेक्टर ने तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य का किया आकस्मिक निरीक्षण

तेंदूपत्ता संग्राहकों को संग्रहण कार्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने दिए निर्देश

पेंड्रा (अमित रजक)। जिले के गौरेला विकासखण्ड के ग्राम पकरिया पहुंचकर कलेक्टर शिखा राजपूत ने तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के कल्याण के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। कलेक्टर ने संग्राहकों को तेंदूपत्ता के संग्रहण कार्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने तेन्दूपत्ता खरीदी करते समय तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्राहक वर्तमान में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए संग्रहण के दौरान मास्क पहनकर तथा एक दूसरे से एक मीटर की दूरी रखकर संग्रहण का कार्य करें। संग्राहकों द्वारा संग्रहण पश्चात् हाथों को साबुन से अनिवार्य रूप से धोया जाए। साथ ही संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी मास्क अनिवार्य रूप से लगाया जाए।उन्होंने फड़ मुंशियों तथा फड़ अभिरक्षकों द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण के पूर्व कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर समस्त संग्राहकों को जागरूक करने निर्देशित किया।

वनमंडलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में 21900 मानक बोरा संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक के माध्यम से उनके खाते में राशि स्थानातंरित कर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है।अब तक लक्ष्य का लगभग 30 प्रतिशत तेंदूपत्ता क्रय किया जा चुका है।अच्छी गुणवत्ता के तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए फड़ मुंशियों, कर्मचारियों तथा अधिकारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा तेन्दूपत्ता संग्राहकों को भी संग्रहण कार्य के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि जिला यूनियन मरवाही के अंतर्गत 16 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता का संग्रहण प्रारम्भ हो गया है। जिला यूनियन का कुल संग्रहण लक्ष्य 21900 मानक बोरा है। इस वर्ष 9 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के द्वारा 7 लाटों का अग्रिम विक्रय हो चुका है। शासन द्वारा इस वर्ष भी 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा संग्रहण दर निर्धारित किया गया है। तेंदूपत्ता का विक्रय संग्राहकों द्वारा किये जाने के एक सप्ताह के भीतर संग्राहकों के खाते में राशि अन्तरित कर दी जाती हैं। इस हेतु पर्याप्त राशि समितियों के खाते में जमा किया जा चुका है।

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