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सफलता पाने धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में करें प्रयास, जिंदगी जीने की कला सिखाती है ब्रह्माकुमारी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का छात्रों को संदेश….

रायपुर. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंची है. इस दौरान ईश्वरीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव में शामिल होने शांति सरोवर आश्रम पहुंची. राष्ट्रपति मुर्मु ने आगे कहा, कष्ट सहकर ही हम सफलता हासिल कर सकते हैं. ब्रह्मकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा. आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं. जिंदगी जीने की कला वो सिखाते हैं. आत्मविश्वास ही ऐसी पूंजी है, जिससे हम अपना रास्ता ढूंढ सकते हैं.

शांति सरोवर रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जय जोहार कहकर अपने उद्बोधन की शुरुआत की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मकुमारी परिवार बहुत अच्छा कार्य कर रहा है. मैं इसके लिए बधाई देती हूं. सकारात्मक परिवर्तन को लेकर यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और मैं आज यहां आप सभी के बीच में भी हूं.

हम सभी टेक्नालाजी के युग में जी रहे हैं. बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं. साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़े तो जीवन आसान हो जाएगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, मैं यहां पहले भी आ चुकी हूं. फिर से बुलाने के लिए आप सभी को धन्यवाद, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है या विश्वस्तर खेल में कीर्तिमान रच रहा है. हमारे देशवासी अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों अपने भविष्य का अंत कर दिया. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए, हार-जीत तो होती रहती है.

उन्होंने कहा, बच्चों में कांपिटिशन का प्रेशर है, जितना जरूरी उनका करियर है उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें. मुझे लगता है कि इस पाजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं, जो बच्चे आधी-अधूरी जिंदगी जी कर चले जाते हैं. हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है. अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.

राष्टपति ने कहा, यह युग साइंटिफिक युग है. अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं. थोड़ा धैर्य कम होता है. हमारे ब्रह्मकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं. मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है. जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी. उनका रास्ता कठिन है पर कष्ट सहने से ही कृष्ण मिलते हैं इसलिए धैर्य का जीवन जीना चाहिए.

उन्होंने कहा, जिंदगी को कैसे सफलता से जीये, किस तरह सुख से जीवन जिये, इसका रास्ता बहुत सरल है. हम केवल एक शरीर नहीं हैं. हम एक आत्मा हैं. परम पिता परमात्मा का अभिन्न अंग हैं. धैर्य सुख का रास्ता है. यह कठिन है, लेकिन अभ्यास से यह रास्ता भी सहज हो जाता है. मैं सभी से कहना चाहती हूं कि अपनी रुचि के साथ सकारात्मक कार्य करते रहिये. ऐसे लोगों के साथ रहिये जो आपको सही रास्ता दिखा सके.

उन्होंने कहा, ब्रह्मकुमारी में सब लोग भारत में ही नहीं दुनियाभर में शांति के लिए कार्य कर रहे हैं. सब शांति के विस्तार के लिए प्रयास कर रहे हैं. प्रबल शक्ति से किये गये कार्य से सफलता मिलती है. ये दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ में आपने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए आपको बधाई देती हूं. स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा. शारीरिक और मानसिक तत्व के लिए ये बहुत जरूरी है. यह केवल ब्रम्हकुमारी में सिखाया जाता है.

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