Uncategorized

300 वैगनों वाली 3.5 किलोमीटर लंबी वासुकी चलाकर एसईसीआर ने रचा नया इतिहास

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने पांच मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर देश की सबसे लंबी फ्रेट ट्रेन “वासुकी” 224 किलोमीटर चलाई, समय और क्रू स्टाफ दोनों की बचत, उपभोक्ताओं को त्वरित डिलीवरी की भी सुविधा मिल रही

बिलासपुर। भारतीय रेलवे के इतिहास में शुक्रवार को एक नया अध्याय और जुड़ गया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासान ने 3.5 किलोमीटर लंबी 300 वैगनों वाली मालगाड़ी चलाकर बिलासपुर जोन के लिए नया इतिहास रचा है। इस मालगाड़ी का नाम उन्होंने वासुकी दिया है। भिलाई से कोरबा तक 224 किलोमीटर इस ट्रेन काे चलाया गया।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को रायपुर मंडल के भिलाई डी केबिन से बिलासपुर मण्डल के कोरबा तक 5 मालगाडियों को एक साथ जोड़कर चलाया गया। इस मालगाड़ी की कुल लंबाई 3.5 किलोमीटर के लगभग है, इस ट्रेन काे वासुकी नाम दिया गया है। फ्रेट ट्रेनों के परिचालन समय को कम करने, क्रू-स्टाफ की बचत एवं उपभोक्ताओं को त्वरित डिलीवरी प्रदान करने हेतु लगातार लॉन्ग हाल मालगाडियों का परिचालन किया जा रहा है। नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 29 जून 2020 को तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर लॉग हॉल सुपर एनाकोंडा ट्रेन चलाई थी।
इसी कडी को आगे बढाते हुए 22 जनवरी 2021 को रायपुर रेल मंडल के भिलाई डी केबिन से कोरबा तक पांच लाँग हाल रैक वासुकी का परिचालन किया गया। इस मालगाड़ी में 300 वैगनों को जोड़कर इस लॉग हाल रैक को चलाई गई। इस लॉंग हाल मालगाड़ी ने भिलाई दी केबिन से कोरबा स्टेशन तक का सफर 07 घंटे से भी कम समय में तय किया। इस प्रक्रिया में केवल 01 लोको पायलट, 01 सहायक लोको पायलट एवं 01 गार्ड की आवश्यकता पडी ।
सिंगल-सिंगल 05 रैक चलाने से 05 लोको पायलट, 05 सहायक लोको पायलट एवं 05 गार्ड की आवश्यकता होती। सुपर शेष नाग में 01 लोको पायलट, 01 सहायक लोको पायलट व 01 गार्ड द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है । फोर्थ लॉग हॉल रैक के परिचालन से क्रू-स्टाफ की बचत, रेलवे ट्रैक का सही इस्तेमाल तथा उपभोक्ताओं को त्वरित डिलीवरी प्राप्त होगी। यह रेल प्रशासन और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभकारी है।

Back to top button