लेखक की कलम से

प्रपोज डे… ऐ जिंदगी …

मैं …

जिंदगी को …प्रपोज करूँगा।

 

कहूंगा …

तुम …बहुत खास हो।

 

ऐसे ही नहीं मिल जाती।

खुशनसीबी है मेरी।

 

मैं जिंदगी से हार कर।

मौत का ना संग करूँगा।

 

मैं जिंदगी …से

जिंदगी की बात करूँगा।

 

मैं जिंदगी… से

जिंदगी जीने की बात करूँगा।

 

तेरे साथ,

चलूंगा जिंदगी भर।

 

मैं मुश्किलों में भी,

हंसकर तेरे साथ खड़ा रहूंगा।

 

हार मानूंगा नहीं

मुसीबतों को देखकर।

 

मैं हिम्मत के साथ,

तेरे साथ चलूंगा।

 

हर दिन तेरे साथ।

एक नई शुरुआत करूँगा।

 

मैं जिंदगी को… प्रपोज करूँगा।

हाथ पकड़कर साथ तेरे।

उन मुकामों का सफर करूँगा।

 

जिंदगी जहां पर,

स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाए।

 

मैं साथ तेरे जिंदगी की,

ऐसी शुरुआत करूँगा।

 

मैं जीने के लिए,

जिंदादिली से।

 

ऐ जिंदगी… तुझे

इतना प्यार करूँगा।

 

ऐ जिंदगी,

मैं तुम्हें प्रपोज करूँगा।

 

 

©प्रीति शर्मा, सोलन हिमाचल प्रदेश

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