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नासिक स्थित कालाराम मंदिर में पोछा लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया स्वछता का सन्देश, संत एकनाथ द्वारा लिखे गए भावार्थ रामायण के पद सुने

नासिक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक स्थित कालाराम मंदिर में पोछा लगाया। इससे पहले उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की और संत एकनाथ द्वारा लिखे गए भावार्थ रामायण के पद सुने। बता दें कि कलाराम मंदिर का भगवान राम से बेहद खास नाता है। गौरतलब है कि अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व पीएम मोदी के अनुष्ठान का आज पहला दिन था। पीएम मोदी नासिक में 21.8 किमी लंबे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज का उद्घाटन करने पहुंचे हैं। यह भारत का सबसे लंबा ब्रिज है।

मंदिर से राम का ऐसा है जुड़ाव
माना जाता है कि मुगलों द्वारा नष्ट किए जाने के बाद 1700 में कालाराम मंदिर का पुर्ननिर्माण किया गया। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने यहां पर मात्र 1.5 मिनट में 14 हजार राक्षसों का संहार किया था। इसके बाद से ही इस मंदिर का नाम कालाराम हो गया, क्योंकि वह राक्षसों के लिए काल बनकर आए थे। इससे पहले पीएम मोदी ने नासिक में स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर पुष्प भी अर्पित किए। इसके बाद तपोवन मैदान में राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों ने 22 जनवरी से पूर्व देशभर के मंदिरों में सफाई अभियान चलाने का आह्वान किया।

युवाओं के लिए स्वर्ण काल
पीएम मोदी ने कहा कि यह देश का अमृत काल युवाओं के लिए स्वर्ण काल है। युवा शक्ति की ही बदौलत भारत दुनिया की पांच आर्थिक शक्तियों में शामिल हो चुका है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के टॉप-3 स्टार्ट-अप सिस्टम्स में शामिल है। आज भारत नए इन्नोवेशंस कर रहा है। यह रिकॉर्ड पेटेंट्स करा रहा है। इन सबके पीछे देश का युवा ही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत युवा शक्ति का देश है। उन्होंने कहा कि आज उस व्यक्ति का जन्मदिन है, जिसने गुलामी के दौरान देश को नई ताकत दी। मैं स्वामी विवेकानंद की जयंती पर यहां पहुंचकर काफी खुश हूं। उन्होंने कहा कि आज राजमाता जीजाबाई की भी जयंती है, जो भारत में नारी शक्ति का प्रतीक हैं।

 

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