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राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को किया संबोधित, बोलीं- चुनौतियां हमारे जीवन में आती हैं, लेकिन यह नए मौके भी लाती हैं….

बिलासपुर. चुनौतियां हमारे जीवन में आती हैं, लेकिन यह नए मौके भी लाती हैं. हमारे देश की परंपराएं अत्यंत समृद्ध हैं और इन्हें बचाए रखने में कई विभूतियों की मेहनत है. इस विश्वविद्यालय का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यहां गुरु घासीदास जी का नाम है. उन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया. गुरु घासीदास ने सबकी समानता पर काम किया. समानता के आदर्शों पर चलकर ही युवा सुख के रास्ते पर चल सकते हैं और श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर सकते हैं.

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के 10 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं. जहां उनके साथ सीएम बघेल और राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन भी मौजूद रहे. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा, आज उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं, उनके माता-पिता को भी मैं बहुत-बहुत बधाई. विद्यार्थियों की सफलता में योगदान देने के लिए प्राध्यापकों तथा विश्वविद्यालय टीम के सदस्यों की मैं सराहना करती हूं.

आगे राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 प्रतिशत विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 45 है, जो लगभग 60% हैं. विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या लगभग 47% है. छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों के साथ ही विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है. मैं सभी सफलता के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देती हूं.

आगे उन्होंने कहा, हमारे देश की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग आधी है. मुझे बताया गया है कि, इस विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जाते हैं. मैं आशा करती हूं कि, ऐसे कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए. शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए. हमारे देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है. विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जा रहे हैं, ये अच्छी बात है.

विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है. राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है. जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है. विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में अच्छा कार्य किया जा रहा है. जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे. इस विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही है. मैं आशा करती हूं कि, उपयोगी अनुसंधान के माध्यम से अपनी पहचान विश्वविद्यालय दुनिया में स्थापित करें.

भारत ने अपना चंद्रयान-3 चांद में भेजा है. बरसों से निष्ठा से इस पर काम होता रहा. मार्ग में आने वाली रुकावटों की परवाह न करते हुए हम सब बढ़ते रहे. यही जीवन में भी होता है. तात्कालिक असफलताओं से हताश नहीं होना चाहिए. आज भारत अपने वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के प्रतिभा के बल पर स्पेस क्लब तथा न्यूक्लियर के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना चुका है. हमने कम लागत में यह कार्य किया है, जिसे दुनिया में सराहा गया. कभी-कभी इन क्षेत्रों में भारत को दुनिया में असहयोग का सामना करना पड़ा, लेकिन भारत पीछे नहीं हटा और अपना लक्ष्य प्राप्त किया.

रायपुर का हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद के नाम पर है. वे स्वाध्याय, खेलकूद को भी महत्व देते थे. स्वामी जी आत्मविश्वास की मूर्ति थे. स्वामी जी ने शिकागो में भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का विश्वघोष किया था. उस समय भारत में गुलामी की मानसिकता अपने चरम पर थी. एशिया के लोग हीनता की भावना से ग्रस्त थे, ऐसे वातावरण में विवेकानंद ने भारत का नाम बढ़ाया.

राष्ट्रपति मूर्मू ने यह भी कहा कि, विश्व समुदाय के अग्रणी राष्ट्र में भारत की गणना होती है. स्वामी विवेकानंद के अद्भुत उदाहरण से प्रेरणा लेकर हमे युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना है. आज हमारा तिरंगा चांद पर पहुंच चुका है. चांद की सतह पर हमने शिवशक्ति की ऊर्जा पहुंचाई है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के विषय पर विश्वविद्यालय को कुछ आयोजन करने चाहिए, ताकि समाज में साइंटिफिक टेंपर का विकास होता रहे. यह हमारे संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल है.

हमारा देश अमृत काल में है. युवा संविधान में उल्लेखित मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे तो समग्र विकास को जरूर गति मिलेगी. मैं आप सभी को पुनः बधाई देती हूं और आशीर्वाद देती हूं.

वहीं सीएम बघेल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, सभी प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को अपनी ओर से हार्दिक बधाई देता हूं, जिन्होंने अपने कठोर परिश्रम मेधा और अनुशासन के बल पर स्वयं को उपाधियों एवं स्वर्ण पदकों के लिए योग्य सिद्ध किया है.

आगे सीएम बघेल ने कहा कि, यह विवि हमेशा ज्ञान का प्रकाश रहा है. हमारा प्रदेश हमेशा समृद्ध रहा है. यहां पुरखों के आशीर्वाद से उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों पर हमारा प्रदेश आगे बढ़ रहा है. हमारे यहां प्रचुर संसाधन हैं, समृद्ध जैव विविधता है, सघन वन हैं, सुंदर प्रकृति है, सुंदर जनजी वन है, उत्कृष्ट मानवीय मूल्य हैं. ये सब हमें हमारे पुरखों से आशीर्वाद के रूप में मिले हैं, अब हमारी जिम्मेदारी है कि, हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए इन्हें सहेजे, संवारें, अपनी इस धरती को और समृद्ध बनाएं.

सीएम बघेल ने यह भी कहा कि, हम लोगों ने 42 हजार पदों पर भर्ती की है. इसके साथ ही रीपा के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यम के लिए भी अवसर दिए है. इसके साथ ही बेरोजगारी भत्ता प्रदान कर रहे हैं.

कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल ने विवि का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. दीक्षांत समारोह में सत्र 2021-22 के विभिन्न परीक्षाओं स्नातक, स्नातकोत्तर, पत्रोपाधि में उत्तीर्ण 2946 छात्र छात्राओं को उपाधि दिए जाने की घोषणा की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विद्यार्थियों को पदक से सम्मानित किया.

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