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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की विधेयक पर मुहर, UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

उत्तराखंड
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी-UCC) विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी देते हुए राजभवन को वापस भेज दिया है। अब इसके नोटिफिकेशन की औपचारिकताएं होनी बाकी है। माना जा रहा है कि विधायी विभाग जल्द इसका नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। इस तरह से आजादी के बाद देश के इतिहास में उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहला प्रदेश हो जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि अगर फिर भाजपा की सरकार बनी तो वे उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे।

नतीजे आने के बाद भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और अपने दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद धामी ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाने को मंजूरी दी। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पांच सदस्यी कमेटी बनाई।

इसी साल दो फरवरी को कमेटी ने मुख्यमंत्री धामी को 740 पेज की रिपोर्ट भेजी। इसका परीक्षण कराने के बाद सरकार ने चार फरवरी को कैबिनेट बैठक में यूसीसी विधेयक को मंजूरी देते हुए छह फरवरी से विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया। हालांकि, कांग्रेस विधायकों ने विधेयक में संशोधन के लिए इसे प्रवर समिति के हवाले करने का सुझाव दिया था। सदन में पक्ष-विपक्ष में हुई चर्चा के बाद सात फरवरी को सर्वसम्मित से इसे ध्वनिमत से पारित किया गया।

चूंकि, यह कानून केंद्र का समवर्ती सूची का बिषय है लिहाजा राज्यपाल सेनि गुरमीत सिंह ने मंजूरी से पहले विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा। राष्ट्रपति भवन से इसकी मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अब इसे विधायी को भेज दिया है। माना जा रहा है कि विधायी विभाग विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने का पहला नोटिफिकेशन जल्द जारी कर सकता है। इसके बाद जैसे ही इसकी नियमावली तैयार होगी तो राज्य सरकार यूसीसी को उत्तराखंड में लागू करने का नोटिफेकेशन जारी कर सकती है।

यूसीसी कब क्या हुआ
27 मई, 2022 को किया गया था कमेटी का गठन
43 जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए थे कमेटी ने
72 बैठकें विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित की थी कमेटी ने
740 पेज की है चार खंड वाली यूसीसी रिपोर्ट
2.32 लाख सुझाव प्राप्त हुए समिति को
29 लाख वाट‌्सएप मैसेज किए गए लोगों को
02 फरवरी को कमेटी ने सरकार को सौंपी थी रिपोर्ट
06 फरवरी को सीएम धामी ने विधानसभा के सदन में पेश की रिपोर्ट
07 फरवरी को सदन से सर्वसम्मति से पारित हुआ था विधेयक
28 फरवरी को राजभवन ने विधेयक राष्ट्रपति भवन को भेजा
12 मार्च को राष्ट्रपति ने विधेयक को मंजूरी दी

 

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