लेखक की कलम से

माँ सरस्वती वंदना …

 

 

 

हे जगजननी शारदा मैय्या,

पार लगा दो मेरी नैय्या।

 

1.मन करता है आरती गाऊँ,

खीर बतासे मेवा चढ़ाऊँ।

कर श्रृंगार सभी माता भवानी,

संग गृहिणी तेरी लेऊँ बलैय्या।।

हे जगजननी…………

 

2.अन्न-धन से भंडार भरो अब,

दु:ख पीड़ा को दुर करो सब।

कृपा बरसाओ पालनहारी,

भरे रखो यह ताल तलैय्या।।

हे जगजननी…………

 

3.बनके ज्योति राह दिखाओ,

मुझे मुक्ति का मार्ग बताओ।

तुम बिन व्याकुल हुँ जगदम्बे,

ज्यों कान्हा से बिछड़ी गैय्या।।

हे जगजननी…………

 

©प्रेमिश शर्मा, कवर्धा, छत्तीसगढ़

Back to top button