जीवन …
कभी खुशी , कभी गम
कभी ज्यादा , कभी कम
यूंही बदलते रहेंगे जीवन के रंग
कुछ आएगा, कुछ जाएगा
इंसानियत ही साथ निभाएगा
लाख कोशिश कर ले कोई
हमें सत्य पथ से न विचलित कर पाएगा कोई
न कुछ पाने की आस रखो
न कुछ खोने का गम करो
अपना कर्त्तव्य हे मानव! हर पल करो
हौंसला हर वक्त रखो
कमज़ोरी को न पास आने दो
जीवन तो क्षणभंगुर है
अपना कर्म हर क्षण करो
न लाचारी आए
न बेबसी छाए
जीवन को सतरंगी बनाओ
दुनिया को हंसो और हंसाओ
हर एक के लिए प्रेरणा है बनाना
हर एक परिस्थिति के लिए तैयार है रहना
जीवन तो हर वक्त सिखलाएगा
गर सच्चे हैं तो शिखर तक पहुंचाएगा
कलियों को खिलाते देखा होगा
चांद को चमकते देखा होगा
सूरज की रोशनी से पंकज खिलता है
स्वयं को भी काबिल बनाओ
जीवन में कुछ कर दिखाओ
कुछ खट्टी , कुछ मीठी सही
अपना स्वाद सबको चखाओ
जीवन को जीने की कला सिखाओ।
©डॉ. जानकी झा, कटक, ओडिशा