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एकता परिषद का नई चुनौतियों के मद्देनजर देश भर में होगा विस्तार…

प्रसून लतांत

नई दिल्ली। देश भर में चल रहे किसानों के अहिंसक आंदोलन के बीच गांधीवादी मूल्यों पर केंद्रित कार्यों के लिए दुनिया भर में विख्यात एकता परिषद ने प्राकृतिक संसाधनों पर आदिवासियों,वंचितों, दलितों और किसानों के अधिकारों के लिए अहिंसक संघर्ष को वैश्विक बनाने में हासिल कामयाबी के बाद अब भावी चुनौतियों और जरूरतों के मद्देनजर अपने मौजूदा स्वरूप को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर और भी कारगर तरीके से गढ़ने के मकसद से नए साल में संगठन का विस्तार करने का फैसला किया है। यह फैसला पिछले दिनों एकता परिषद के संस्थापक, गांधीवादी चिंतक और वरिष्ठ समाज कर्मी राजगोपाल पीवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अतीत के अनुभव और देश दुनिया की बदलती हुई परिस्थितियों पर गहन चर्चा के बाद किया गया। बैठक में परिषद के अगुआ दस्ते के रूप में बरसों से सक्रिय रन सिंह परमार,श्रद्धा कश्यप, रमेश शर्मा,अनीश कुमार, शोभा तिवारी और कस्तूरी पटेल मौजूद थीं। एकता परिषद व्यापक संदर्भों में एक ऐसा जन संगठन है, जो सामाजिक,पर्यावरणीय, आर्थिक,राजनैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की बुनियाद पर पिछले तीन दशकों से देश के नौ से अधिक राज्यों में अपने कार्यक्रमों और अभियानों का संचालन करता अा रहा है। एकता परिषद के प्रयासों से खासकर आदिवासियों और दलितों को अधिकार मिले हैं और उनकी जिंदगियों में व्यापक बदलाव आए हैं। एकता परिषद ने कोरो ना जैसी महामारी के दौरान जागृति अभियानों के संचालन और बेरोजगार हुए लोगों को आजीविका का आधार देने के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं को उनके जीवन में बदलाव लाने के साथ उनको समाज परिवर्तन के कार्यों से जोड़ा है।
इस बैठक में एकता परिषद की नई राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया। और सभी की जिम्मेदारियों को भी तय कर दिया गया है। रन सिंह परमार अध्यक्ष, श्रद्धा कश्यप उपाध्यक्ष और रमेश शर्मा और अनीश कुमार महासचिव होंगें। इसी के साथ कस्तूरी पटेल,मंजू डुंगडुंग,शोभा तिवारी,प्रवसिनी राउत,नयन तारा,अमृता शर्मा, रेणुका तंवर,प्रदीप प्रियदर्शी,निर्भय सिंह,चुन्नू लाल सोरेन, भरत ठाकुर और के बीजू आदि क्षेत्रीय समन्वयक बनाए गए हैं, जो क्रम से मध्य प्रदेश,झारखंड,असम,उड़ीसा,मणिपुर,दिल्ली,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,बिहार,बंगाल,छत्तीसगढ़ और केरल और तमिलनाडु के प्रभारी होंगें। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिल बहन को रमेश शर्मा और अनीश कुमार मदद करेंगे।

बैठक में संदर्भों में गांधीवादी और अहिंसक मूल्यों से अपनी संबद्धता जताते हुए नई पीढ़ी के विचारों और सपनों के अनुरूप एकता परिषद के नए संविधान लिखने और इसकी नई नियमावली बनाने की जरूरत महसूस की गई। नई नियमावली एकता परिषद संगठन और संस्था से जुड़े हरेक कार्यकर्ताओं के लिए होगी। नियमावली ऐसी बनाई जाएगी, जिसमें खासतौर से स्वावलंबी संगठन,संगठन में महिला नेतृत्व,जमीनी मुखिया केंद्रित संगठन और प्रदूषण मुक्त परिसरों के निर्माण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी। तय किया गया है कि जन धन सहयोग की एक नीति ऐसी बनाई जाएगी, जिसका मकसद सदस्यता बढ़ाने के साथ ग्राम कोष, अनाज कोष और संघर्ष कोष की प्रक्रिया को अब इस तरह से व्यवस्थित किया जाएगा ताकि भावी राजनैतिक और वैधानिक चुनौतियों का कारगर तरीके से सामना किया जा सके। इसी के साथ अहिंसक व्यवहार नीति भी बनाई जाएगी ताकि अहिंसक भाषा का व्यवहार बढ़े ,अहिंसक मूल्य सर्व स्वीकृत हो और अहिंसक अर्थ तंत्र का निजाम भी खड़ा हो सके। संगठन में विविधता लाने के मकसद से महिला मंच,कला मंच और आर्थिक मंच की तरह भूमि, श्रमिक कानून और आजीविका के लिए एकता श्रमिक किसान मोर्चा का गठन किया जाएगा,जिसके जरिए एकता परिषद उस व्यापक समाज तक पहुंचने का प्रयास करेगा,जिनके अधिकारों के लिए संघर्ष आज भी बेहद जरूरी है। ऐसा अनुभव कोरो ना के दौरान मजदूरों के बीच राहत कार्य करने के दौरान आया। एकता परिषद शहरी क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के मकसद से एकता शहरी मोर्चा का भी गठन करेगा। इसके अलावा
एकता परिषद अपने संगठनों का विस्तार कर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में दलितों और अन्य भूमिहीनों के साथ काम करेगा। हरियाणा और राजस्थान में एकता परिषद की शाखाएं गठित की जाएंगी। और पूर्वोत्तर के राज्यों त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में खासतौर से आदिवासियों के बीच संगठन का विस्तार किया जाएगा। एकता परिषद ने फैसला किया है कि वह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सीमांत किसानों और आदिवासी समुदायों के साथ उत्तर बंगाल में मछुआरों और भूमिहीनों के अधिकारों के लिए उनके संघर्ष में भी मददगार की भूमिका निभाएगा।
एकता परिषद को व्यापक संगठन के रूप में विकसित करने के मकसद से भोपाल में राष्ट्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा। इसी के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ में भूमि संबंधी मुद्दों पर जन वकालत को प्रभावी बनाने के लिए स्विट्ज़रलैंड जेनेवा में भी एकता परिषद का कार्यालय खोला जाएगा। एकता परिषद को औपचारिक रूप से यथाशीघ्र पंजीकृत कराया जाएगा, जिसका मकसद जन सहयोग,दान और स्वेच्छिक समाज सेवा की प्रवृति को बढ़ावा देना होगा।

 

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