लेखक की कलम से

कोहरामयी सुप्रभात

संगम मौसम का
हवाओं संग
कुछ यूं हुआ
कुछ फूल खिला
कुछ कलियां इतराई
मिट्टी में पसर पसर
हरियाली है छाई
कुछ ख़्वाब
सरकते बहकते रहे
प्रकृति के करीब
खुल गया भाग्य
ऐसे मौसम
लता और द्रुम का!
©लता प्रासर, पटना, बिहार

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