लेखक की कलम से

दिल से सजदा……

 

 

ऐसे सजदों से फायदा क्या

 

दिल से सजदा करो तो कोई बात बने

 

फूल तो हर डगर पर मिले हैं तुम्हें

 

 कांटो पर चलो तो कोई बात बने

 

 मेरी हर खुशी में शरीक हुए हो तुम

 

 मेरे गम में आओ तो कोई बात बने

 

सुनी गलियों से हरदम गुजरते हो तुम

 

मेरी गली से गुजरो तो कोई बात बने

 

तीर तो बहुत चलाएं है तुमने

 

 कलम चलाओ तो कहीं बात बने

 

 सर झुकाने से कुछ ना होगा ए दोस्त

 

सर उठाओ तो कोई बात बने

 

 जिंदगी में बहुत साथ दिया है तुमने

 

मेरी मैय्यत में आओ तो कोई बात बने

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