डॉ. मंडोरा ने कहा छत्तीसगढ़ के रचनाकारों को मुख्यधारा में जोड़ने की जरूरत
बिलासपुर। नेशनल बुक ट्रस्ट के छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी डॉ़ ललित किशोर मंडोरा का मानना है कि छत्तीसगढ़ के रचनाकारों को मुख्यधारा में जोड़ने की जरूरत है। यहां पर प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। नई पीढ़ी के लोगों में पढ़ने के प्रति रूचि अच्छा संकेत है।
नेशनल बुक ट्रस्ट की ओर से यहां विगत 5 नवंबर से चल रहे पुस्तक मेला में आए डॉ मंडोरा ने बताया कि इसके पहले भी डॉ मंडोरा ने कहा कि न्यास दुर्ग, भिलाई, चंपारण, कोरबा में रचनात्मक कार्यशालाओं का आयोजन कर चुका है। निकट भविष्य में भी ऐसी महत्वपूर्ण कार्यशालाओं का आयोजन छत्तीसगढ़ के अन्य स्थानों पर किया जाएगा जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को मुख्य धारा में लाने का मौका मिल सकें। यहां के रचनात्मक प्रतिभा को सजग करने की जरूरत है कि वे लेखन की मुख्य धारा में किस तरह से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। यहां के स्थानीय लोगों में पढ़ने के प्रति उत्साह है उतना ही लगाव नई पीढ़ी में भी है जो अच्छा संकेत है।
उन्होने बताया कि रोजाना हुई साहित्यियिक गतिविधियों में न्यास ने रायपुर, दुर्ग, चाम्पा-जांजगीर, कोरबा, मुंगेली व रायगढ़ के रचनाकारों को आमन्त्रित किया था। 50 से अधिक रचनाकारों को न्यास ने इस पुस्तक मेले के माध्यम से मंच दिया। तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा रचनाकारों की पुस्तकें न्यास प्रकाशित कर चुका है। वहीं रोजाना लेखकों की कृतियों का विमोचन भी हुआ।
उन्होंने मेला के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत की ओर से बिलासपुर पुस्तक मेला का समन्वयक रहे वरिष्ठ साहित्यकार, डॉ. सोमनाथ यादव सहित बिलासा कला मंच के पदाधिकारीयों और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया।