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Bihar : सीएम नीतीश कुमार की राज्यपाल से मुलाकात की असल वजह आई सामने

पटना.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती समारोह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलने राज भवन पहुंचे थे तो सियासी महकमे में हड़कंप मच गया था। सभी राजनीतिक दल कई तरह की अटकालीन लगने लगे थे भाजपा ने तो यहां तक कह दिया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रजत सुप्रीमो लालू प्रसाद के दबाव में आ गए इसलिए राज्यपाल से मुलाकात करने गए थे। लेकिन, अब इन अटकलों पर लगाम लग गया।

बताया गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुलपतियों की नियुक्ति पर विमर्श करने के लिए राज्यपाल के पास गए थे। यह मुलाकात पहले से ही तय थी। मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री विजय चौधरी और उनके प्रधान सचिव दीपक कुमार भी थे। 40 मिनट के इस मुलाकात में सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल और लेकर के बीच बिहार के विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति पर विचार विमर्श किया गया। इसके बाद जानकारी मिली कि बिहार के छह विश्वविद्यालय में नए कुलपतियों की नियुक्ति की गई है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) में प्रो. प्रर्मेंद्र कुमार बाजपेई को कुलपति बनाया गया है। वहीं बीआरए विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) में प्रो. दिनेश चंद्र राय, ललित नारायण मिश्र मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा) में प्रो. संजय कुमार चौधरी, दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रो. लक्ष्मी निवास पांडे, बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा) में प्रो. विमलेंदु शेखर झा और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में प्रो. शरद कुमार यादव को कुलपति बनाया गया है। राज्यपाल के निर्देश पर प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू की ओर से मंगलवार को अधिसूचना जारी की गई। इन नवनियुक्ति कुलपतियों का का कार्यकाल तीन साल का होगा।

चार कुलपति बिहार से बाहर कार्यरत हैं
छह विश्वविद्यालय में नियुक्त किए गए कुलपतियों में चार कुलपति बाहर के राज्य में कार्यरत हैं। इनमें प्रो. लक्ष्मी निवासी पांडेय केंद्रीय संस्कृत विवि मुंबई में प्रोफेसर हैं। वहीं प्रो. प्रमेंद्र कुमार बाजपेई गुरु घासीदास केंद्रीय विवि विलासपुर में प्रोफेसर हैं। प्रो. दिनेश चंद्र राय बनारस हिन्दू विवि में प्रोफेसर हैं। वहीं प्रो शरद कुमार यादव पं. दीनदयाल उपाध्याय, वेटनरी विवि, मथुरा में प्रोफेसर हैं।

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