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बड़ी खबर: खैरागढ़ में दिखा घने जंगलों में पाया जाने वाला दुर्लभ शिकारी बाज, पक्षी विज्ञानी ने कैद की तस्वीर….

खैरागढ़/बिलासपुर। जिले के जंगल हमेशा से अपनी जैव विविधताओ और सुंदरता को लेकर वन्य प्रेमियों को आकर्षित करते रहे हैं. मैकल पर्वत माला के आख़िरी छोर पर स्थित ये जंगल हमेशा वन्य प्रेमियों को चौक़ाते हैं, ताजा मामला ढारा खर्रा रिजर्व फॉरेस्ट का है, जहां चेंजेबल हॉक ईगल के सब एडल्ट पक्षी को रिकॉर्ड किया गया है.

छत्तीसगढ़ के अचानकमार और कांगेर वैली नेशनल पार्क के अलावा ये शिकारी पक्षी अब तक केवल सघन जंगलों में ही दिखाई देते हैं, ऐसे में इनका खैरागढ़ क्षेत्र के जंगलो में दिखाई देना पक्षी प्रेमियों को रोमांचित कर रहा है. अविभाजित राजनांदगांव जिले में पहली बार इस पक्षी को रिकॉर्ड किया गया है.

पक्षी विज्ञानी प्रतीक ने ज़िले में पहली बार इस पक्षी को अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया है. प्रतीक बताते हैं कि यह पक्षी जन्म से मृत्यु तक कई बार अपने शरीर और रंग को बदलता है, इसलिए इसका नाम चेंजेबल हॉक ईगल पड़ा है. अपने मध्यम आकार और शिकारी कौशलता से ये शिकारी पक्षी आसानी से अपना पेट भर लेता है और घने जंगलों में शांति से बैठा रहता है.

लेकिन आज जब पक्षी विज्ञानी प्रतीक ने ईगल को रिकॉर्ड किया तब वो ज़बरदस्त कॉलिंग कर रहा था और जंगल के कोतवाल कहे जाने वाले ब्लैक ड्रोंगों से भिड़ंत भी कर रहा था. अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह अपने रहने के लिए जंगल में अपना नया क्षेत्र बना रहा है. खैरागढ़ डोंगरगढ़ के जंगलों की जैव विविधता के लिए बड़ी अच्छी बात है. चेंजेबल हाक ईगल के दिखाई देने के बाद से ही लगातार विभिन्न क्षेत्रों से अब पक्षी प्रेमि इस जंगल का रुख भी कर रहे हैं.

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