बिलासपुर। मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर आदिवासियों को भ्रष्टाचार में फंसाने वाले पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से मंत्री को बताया कि सरपंच और सचिव ने भ्रष्टाचारियों की शिकायत सीईओ से की थी, लेकिन भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करना छोड़ सीईओ ने उन पर ही आरोप लगा दिया। जिससे परेशान होकर सचिव ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली।
पूर्व विधायक अमित जोगी ने अपने पत्र में कहा कि- मरवाही के अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार और रिकवरी के झूठे आरोप में फंसाए गए 12 पंचायतों के आदिवासी सरपंच, सचिवों की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने डीएससी डोंगल एवं आईडी के माध्यम से सप्लायर और वेंडरों के खाते से करोड़ों रूपए का ट्रांसफर कराकर और आदिवासी सरपंच और सचिवों को फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। इस प्रताड़ना से तंग आकर ग्राम पंचायत मालाडांड के सचिव गुलाब सिंह तिनगाम ने 18 अक्टूबर 2021 को आत्महत्या कर ली थी। इसके पहले सचिव गुलाब सिंह तिनगाम और सरपंच सोनू सिंह आर्मो ने मरवाही थाने में जाकर 21 जून 2021 को लिखित में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने मरवाही जनपद कार्यालय में जमा उनके डीएससी डोंगल के माध्यम से आपरेटर द्वारा द्विदी ट्रेडर्स को 2,60000 रूपए, अर्जुन सिंह को 3,7500 रूपए तथा तिपान कम्प्यूटर को 74, 546 रूपए ट्रांसफर करने की बात बताई थी। इसकी जानकारी सरपंच और सचिव को तब लगी, जब उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक में संबंधित खाते की एंट्री कराई।
इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत जनपद सीईओ से की थी, लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि अधिकारियों की शह पर संबंधित वेंडर ने दबावपूर्वक 16 जून 2021 को सरपंच सचिव से समस्त बिल पर यह कहकर हस्ताक्षर करा लिया था कि उसकी अधिकारियों से बात हो गई है। अब किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उसके बावजूद सरपंच सचिव को मामले में फंसाया गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि सचिव गुलाब सिंह तिनगाम ने प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इसी तरह 11 और पंचायतें हैं जिनमें फर्जी तरीके से राशि पंचायत के खाते से वेंडर, सप्लायर के खाते में ट्रांसफर किया गया है।