हे ईश्वर …
हे ईश्वर
बस इतना सा वर देना!
करुणा युक्त हृदय देना!
चीख,आर्तनाद से व्यथित हो,
ऐसा अंतर्मन देना,
रोए और कोई तो चक्षु,
मेरी भी भिगो देना!!
हे ईश्वर!
बस इतना सा वर देना!
आए कामना लिए मुझ तक
तो,पूरी मुझसे करवा देना!
न खाली हाथ वो जाए,
बस इतना सा समा देना है!!
हे ईश्वर!
बस अर्ज़ी मेरी सुन लेना!
न स्वार्थ अंधकूप जीवन हो,
परमार्थ भाव हृय देना,
विस्तार अंतस-समुद्र हो मेरा,
बस इतना सा भाव देना!!
हे ईश्वर!
बस अर्ज़ सुन लेना!
बाजुओं में इतना बल देना,
बोझ जग का उठाऊं मैं!
सामर्थ इतना भर देना,
जग को बस हंसाऊँ मैं!!
हे ईश्वर
बस इतना सा वर देना,
कर्म जन हितकर हो,
दृष्टि समताभरी हो,
सहजमार्गी जीवन हो,
सरलभाव युक्त मन हो!
हे ईश्वर!
इतनी सी कृपा करना!!
मानवता की पूजा करूँ मैं,
देवालय मन को बना देना,
द्वेष,क्लेश,हिंसा रहित,
जीवन मंत्र सधा देना!!
हे ईश्वर!
इतनी सी अरदास सुनना,
बस इस रूप में दर्श देना,
जीवन सर्वमंगल करना,
कामना मेरी पूर्ण करना,
बस इतना सा वर देना,
पुण्य,पुण्य,पुण्य करना!!
©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता